पिथौरागढ़। नेपाल के Home Minister राम बहादुर थापा (Ram Bahadur Thapa) ने लिपुलेख बॉर्डर (Lapulekh Border) का 2 दिनों का दौरा किया। इसी तरह दर्जन भर सुरक्षा अधिकारियों के साथ नेपाली गृहमंत्री ने सीतापुल के पास छांगरु में नेपाली सशस्त्र सीमा प्रहरी बल के भवन का भी शिलान्यास किया। छांगरु में नेपाल अब 150 के करीब जवानों को हर वक़्त तैनात करेगा। दार्चुला को अर्द्ध सैनिक बलों का हेड क्वार्टर बना दिया गया है। नेपाली गृहमंत्री ने लिपुलेख के पास तिंकर का हवाई दौरा भी किया।
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तिंकर के करीब ही भारत-नेपाल और चाइना का ट्राई जंक्शन भी है। ऐसे में ये इलाका तीनों मुल्कों की सुरक्षा के लिहाज से खासा अहम है। 8 मई को चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क का उद्धघाटन किया। इस तरह उत्तराखंड के बॉर्डर पर काफी कुछ बदला है।
नेपाल ने अपना सुरक्षा तंत्र मजबूत करते हुए लगातार 5 बीओपी खोली दी है। हालांकि कालापानी से मझोला तक 275 किलोमीटर के बॉर्डर पर 11 बीओपी बनाने का टारगेट लिया है।
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नेपाल का भारत पर आरोप
लिपुलेख सड़क के उद्धघाटन के बाद नेपाल ने भारत पर उसकी जमीन में सड़क बनाने का आरोप लगाया था। साथ ही नेपाल ने नए राजनीतिक नक्शे में भारत के 3 बॉर्डर के गांव, गुंजी, नाबी और कुटी को अपना हिस्सा दर्शाया है। जबकि 380 वर्ग किलोमीटर के इस इलाके में भारत के लोग सदियों से काबिज हैं।
नेपाली आर्मी चीफ भी कर चुके दौरा
नेपाली Home Minister से पहले इस इलाके का नेपाली आर्मी चीफ भी दौरा कर चुके हैं। नेपाली मीडिया से Home Minister राम बहादुर थापा ने कहा कि बॉर्डर इलाकों के विकास को लेकर उनकी सरकार गंभीर है। इसलिए विशेष आर्थिक पैकेज देने का भी उन्होंने ऐलान किया गया। थापा ने कहा कि बॉर्डर इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।साथ ही एपीएफ में युवाओं की अधिक भर्ती कर रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। बदले हालात में नेपाल इन दिनों भारत विरोधी रुख अख्तियार किया हुआ है।
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