North East Floods: पूर्वोत्तर भारत इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। असम से लेकर मणिपुर तक हर राज्य में बाढ़ और भूस्खलन ने कहर मचाया हुआ है। लोगों की जानें जा रही हैं खेत डूब चुके हैं और घर उजड़ चुके हैं। इन राज्यों में रह रहे लाखों लोग बुनियादी ज़रूरतों से वंचित हो गए हैं। बारिश लगातार हो रही है जिससे राहत की उम्मीद कम ही नज़र आ रही है। लोगों को खाने पीने की दिक्कत हो रही है और कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
असम में अब तक 19 लोगों की मौत
असम में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 14 लोगों की जान बाढ़ की वजह से गई और 5 लोगों की मौत भूस्खलन में हुई। मरीगांव जिले में स्थिति सबसे गंभीर है जहां 101 गांवों में बाढ़ का असर है। यहां लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं लेकिन बाढ़ का पानी कम होता नहीं दिख रहा है।
14 people have died due to floods and 5 due to landslides in Assam till today, says the State government. https://t.co/B7WFr19BKc
— ANI (@ANI) June 5, 2025
सात राज्यों में 50 से अधिक मौतें
पूर्वोत्तर के सात राज्यों में अब तक कुल 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश में 12 लोग मारे गए हैं जबकि मेघालय में 6 मिजोरम में 5 सिक्किम में 4 त्रिपुरा में 2 और नागालैंड और मणिपुर में एक एक व्यक्ति की जान गई है। यह आंकड़े 29 मई से लेकर अब तक के हैं। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन ने इन पहाड़ी राज्यों में सड़क संपर्क तोड़ दिया है। कई जगहों पर बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है जिससे स्थिति और विकराल हो गई है।
लाखों लोग प्रभावित राहत शिविरों में शरण
असम राज्य आपदा प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 6.79 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। कुल 21 जिलों में हालात गंभीर हैं। 1494 गांव जलमग्न हो चुके हैं और हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। प्रशासन ने 190 राहत शिविर बनाए हैं जहां अब तक लगभग 39,746 लोग रह रहे हैं। इनमें छोटे बच्चों और बुजुर्गों की संख्या भी काफी है जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है। कुछ जिलों जैसे श्रीभूमि हाइलाकांडी और नागांव में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक हैं जहां लाखों की आबादी संकट में है।
थोड़ी राहत लेकिन अभी भी संकट कायम
बुधवार को बारिश में थोड़ी कमी देखी गई थी जिससे लोगों को कुछ उम्मीद जगी लेकिन रात भर बारिश फिर से तेज हो गई। प्रशासन ने पानी निकासी और भोजन वितरण के लिए विशेष टीमें बनाई हैं लेकिन कुछ इलाकों में पहुंच पाना बेहद मुश्किल हो रहा है। हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री गिराई जा रही है लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रही है। सरकार ने सेना की मदद भी मांगी है और पीएम मोदी ने हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती लोगों को सुरक्षित रखना और बीमारियों को फैलने से रोकना है।