भोपाल | मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं. अब शहर के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS ने परिसर के बाहर बोर्ड लगा दिया है. बोर्ड पर लिखा है- ‘अभी सब बेड फुल हैं. असुविधा के लिए खेद है.’ करीब-करीब पूरे प्रदेश के अस्पतालों की भी यही हालत है |
मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी पूरी तरह से गड़बड़ा गई है. अस्पतालों में डिमांड से कम ऑक्सीजन मिलने के कारण हड़कंप मचा हुआ है. ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं होने के कारण अब अस्पतालों ने भी नए मरीज को भर्ती करने से इंकार कर दिया है. बता दें, भोपाल में 100 टन ऑक्सीजन की हर रोज जरूरत है, लेकिन 80 टन की ही सप्लाई हो रही है|
RKDF में ऑक्सीजन की कमी के चलते खाली पड़े 95 बेड पर नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा. यहां 225 बेड की व्यवस्था है. इनमें 120 मरीज भर्ती और 95 खाली हैं. बता दें, कल इंदौर के बड़े अस्पताल ने भी नो-एंट्री का बोर्ड लगा दिया था.इधर, कोविड अस्पतालों में सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन सेफ्टी ऑडिट कमिटी गठित की गई है. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अपर आयुक्त नगर निगम सीपी गोहल की अध्यक्षता में ये कमेटी बनाई है. कमेटी ऑक्सीजन की स्थिति सुधारने और व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए जिम्मेदार होगी|