भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना (MMLBY) के तहत प्रदेश की 24 लाख से अधिक महिलाओं को मात्र 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह योजना महिलाओं के जीवन को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योजना के तहत, अब तक 2 करोड़ 57 लाख से अधिक गैस सिलेंडर रिफिल किए जा चुके हैं और 632 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अनुदान महिलाओं के खाते में जमा किया गया है।
महिलाओं को मिल रही राहत
प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि जुलाई 2023 से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को परंपरागत ईंधन के दुष्प्रभावों से बचाना और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़े एलपीजी कनेक्शनधारी और अन्य गैस कनेक्शनधारी महिलाओं को सिलेंडर रिफिल मात्र 450 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उनकी रसोई की समस्याओं को हल करने के लिए चलाई जा रही है।
हितग्राही महिलाओं के विचार
उमरिया जिले की झिरिया मोहल्ला निवासी सीमा शर्मा का कहना है कि इस योजना से उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा, “450 रुपये में सिलेंडर मिलने से हमारी आधी रसोई की समस्या दूर हो जाती है। यह हमारे मुख्यमंत्री और लाड़ले भईया डॉ. मोहन यादव की ओर से हम बहनों के लिए बहुत बड़ी सौगात है।”
इसी तरह सीधी जिले की निवासी शकुंतला साकेत बताती हैं कि उन्हें योजना के तहत हर महीने 1250 रुपये की राशि मिलती है, और अब 450 रुपये में गैस रिफिल की सुविधा भी। उन्होंने कहा, “सरकार ने हमारी चिंता की है, अब हमें धुएं से भी निजात मिल गई है। हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जीवन जी रहे हैं।”
महिलाओं के जीवन में बदलाव
इस योजना ने न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दिया है। महिलाओं को सस्ते दामों पर गैस सिलेंडर मिलने से अब वे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बच रही हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही हैं।
लाड़ली बहना योजना प्रदेश की लाखों महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो रहा है। सरकार की यह पहल महिलाओं के जीवन को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।