भोपाल: मध्य प्रदेश के 10 जिलों में बड़े स्वागत द्वार बनाए जाएंगे, जिनमें ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सागर, सतना, चित्रकूट और खजुराहो शामिल हैं। ये स्वागत द्वार खास तौर पर उन जिलों में बनाए जा रहे हैं जो पड़ोसी राज्यों की सीमाओं से लगे हैं।
इन द्वारों में जिले की विशेषता की झलक देखने को मिलेगी, जिससे आगंतुकों को जिले और प्रदेश की कला, संस्कृति, और पुरातात्विक धरोहरों की जानकारी मिलेगी।
एमपी रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआरडीसी) इन प्रवेश द्वारों को थ्रीडी मॉडल पर डिजाइन करेगा, जिसमें दूर से ही विशेष आकृतियां नजर आएंगी। हर जिले की विशेषता के आधार पर इन द्वारों की थीम तय की जाएगी। फिलहाल, इन द्वारों के निर्माण के लिए सरकारी भूमि की पहचान की जा रही है। एक बार भूमि आवंटन हो जाने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।
एमपीआरडीसी कंसल्टेंसी एजेंसी के चयन की प्रक्रिया में है, जो इन प्रवेश द्वारों की आर्किटेक्चर डिजाइन, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, और एस्टीमेट तैयार करेगी।
ग्वालियर में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन भी अपने एंट्री पॉइंट्स पर प्रवेश द्वार तैयार कर रहा है, जैसे कि तानसेन द्वार, किला द्वार, सहस्त्रबाहु द्वार, और जयविलास द्वार। इनमें से तानसेन द्वार का लोकार्पण हो चुका है, जबकि अन्य द्वारों का निर्माण कार्य जारी है।