नई दिल्ली। देश में पहले से ही महंगे मिल रहे पेट्रोल डीजल की कीमत में एक बार फिर महंगाई की आग लग सकती है। पेट्रोल व डीजल के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर गई है, जिसका असर अब घरेलू बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। हालांकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अभी भारतीय बाजार में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय तेल कंपनियां ज्यादा लंबे समय तक इस भार का वहन नहीं कर पाएगी।
गौरतलब है कि नए साल 2022 में कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है। बीते 4 हफ्तों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है और तेल कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के चलते कच्चे तेल की मांग में जबरदस्त इजाफा होगा, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में और उछाल आ सकता है। 1 दिसंबर 2021 को कच्चे तेल की कीमत 68.87 डॉलर प्रति बैरल थी। जो अब 86 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर कारोबार कर रहा है। बीते करीब 45 दिन में कच्चे तेल की कीमतों में निचले स्तर से 25 फीसदी की तेजी आई है।
कच्चे तेल के महंगे होने की वजह से सरकारी तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन की कीमतों में 4.2 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। कच्चे तेल के महंगे होने से इस महीने में दूसरी बार हवाई ईंधन के दाम में इजाफा किया गया है। इससे पहले 1 जनवरी 2022 को एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी। हवाई ईंधन की कीमत में 3232.87 रुपए प्रति किलो लीटर की वृद्धि की गई है और राजधानी दिल्ली में नई कीमत 79,294.91 रुपए प्रति किलो लीटर कर दी गई है।