भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने हाल ही में नगरीय निकाय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की पहचान कर उन्हें ढहाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अब इसी दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर भवनों की पहचान कर उन्हें ढहाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस निर्णय के पीछे सागर के शाहपुर कस्बे में एक जर्जर दीवार के गिरने से 9 बच्चों की मौत की घटना है। इस दुर्घटना ने विभाग को ग्रामीण इलाकों में भी जर्जर भवनों के सर्वे और उचित कार्रवाई की दिशा में सक्रिय किया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर भवनों के सर्वे की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने आदेश जारी किया है कि जर्जर भवनों या दीवारों की पहचान कर उन्हें गिराने या मरम्मत करने के उपाय तुरंत किए जाएं, ताकि भविष्य में कोई मानव या पशु हानि न हो।
सागर के शाहपुर कस्बे में अगस्त के पहले हफ्ते में एक जर्जर दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद मुख्य सचिव वीरा राणा ने घटना का संज्ञान लेते हुए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा था। पत्र में घटना को लापरवाही बताते हुए ग्रामीण इलाकों में जर्जर भवनों का सर्वे और उनकी मरम्मत की प्रक्रिया को तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे।
हालांकि, विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जल्द से जल्द जर्जर भवनों का सर्वे करें और खतरनाक भवनों की मरम्मत या खाली करने के उपाय करें। यह कदम दुर्घटनाओं से बचने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जो ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस पहल से उम्मीद है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भवनों की सुरक्षा स्थिति में सुधार होगा और भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचाव संभव हो सकेगा।