इंदौर: इंदौर के युवा अब डिफेंस सेक्टर में भी स्टार्टअप्स की शुरुआत कर रहे हैं। बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के लिए रोबोट डिजाइन करने और लेजर फेंस बनाने जैसी तकनीकों पर काम किया जा रहा है। अनुमान के अनुसार, एक रोबोट बनाने में लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी, और यह रोबोट अगले दो साल में हथियारों से लैस होकर तैयार हो जाएगा।
इंदौर के वेदांत अग्रवाल ने 1 अप्रैल 2023 को अपने दोस्तों के साथ मिलकर आईटी पार्क सिंहासा में अविन्य मिलटेक कंपनी की शुरुआत की। वेदांत की कंपनी लेजर फेंस का निर्माण कर रही है, जो लेजर बीम की एक अदृश्य दीवार होती है। जैसे ही कोई इस दीवार से गुजरता है, अलार्म बजने लगता है। यह तकनीक नक्सल और आतंकी गतिविधियों की रोकथाम में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
इसके अलावा, कंपनी का सबसे महत्वपूर्ण प्रोडक्ट बॉर्डर पेट्रोलिंग के लिए बनाया जा रहा रोबोट है। इसकी डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है, और इसे उन क्षेत्रों में सैनिकों की जगह भेजा जा सकेगा जहां खतरा अधिक होता है। यह रोबोट हथियारों से लैस होगा और इसे रिमोट से ऑपरेट किया जा सकेगा। एक रोबोट को बनाने में लगभग 25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और अगले दो साल में यह तैयार हो जाएगा।
वेदांत अग्रवाल को स्टार्टअप का आइडिया उनकी इंटर्नशिप के दौरान आया। उन्होंने 2021 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और इंदौर की लाइट गाइड ऑप्टिक्स प्रा.लि में इंटर्नशिप की। बाद में उन्हें वहीं नौकरी का ऑफर मिला। लाइट गाइड कंपनी कई वर्षों से डिफेंस सेक्टर में काम कर रही है, और वहीं से वेदांत को डिफेंस सेक्टर में स्टार्टअप शुरू करने का विचार आया।
इंदौर की लाइट गाइड ऑप्टिक्स प्रा.लि कंपनी, जो 1997 में सिद्धार्थ धवले द्वारा स्थापित की गई थी, डिफेंस सेक्टर के लिए ऑप्टिक्स और टेलीस्कोप जैसे उत्पाद बना रही है। कंपनी ने आरआरकेट और बीएआरसी जैसे संस्थानों के लिए भी ऑप्टिक्स सप्लाई किए हैं।