भोपाल, मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसलों की एक श्रृंखला में हर विकासखंड में वृंदावन ग्राम और शहरी इलाकों में गीता भवन खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके साथ ही मोहासा-बाबई और सीतापुर को इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया।
वृंदावन ग्राम योजना
कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि वृंदावन ग्राम योजना के तहत हर विकासखंड से एक गांव का चयन किया जाएगा। इस योजना में दूध उत्पादन, उद्यानिकी और औषधीय खेती को बढ़ावा देने के साथ गोबर आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, गौशालाओं की स्थापना, सौर ऊर्जा का उपयोग, सामुदायिक शौचालय और खेल मैदानों की व्यवस्था जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग इस योजना के विस्तृत निर्देश जारी करेगा।
शहरी निकायों में गीता भवन खोलने की योजना को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली। ये भवन वैचारिक अध्ययन केंद्र के रूप में कार्य करेंगे और यहां धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। नगरीय आवास और विकास विभाग इसके निर्देश जारी करेगा।
मोहासा-बाबई में रिन्युवल एनर्जी और एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए 227 एकड़ जमीन पर 93.50 करोड़ रुपये की लागत से इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जाएगा। इस परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी होगी और इससे दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, मुरैना जिले के सीतापुर में 161.7 एकड़ जमीन पर फुटवियर एसेसरीज और डेवलपमेंट पार्क बनाया जाएगा, जिसमें 111 करोड़ रुपये का खर्च होगा और 3200 लोगों को रोजगार मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी भाग लिया। बैठक में ग्वालियर में हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आए 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा, इंदौर से मुंबई के लिए शुरू की जाने वाली रेलवे लाइन की मंजूरी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया गया। इस परियोजना से प्रदेश में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
बीना को जिला बनाने का प्रस्ताव टला
कैबिनेट में बीना को जिला बनाने का प्रस्ताव भी चर्चा में रहा, लेकिन अंतिम दौर में यह प्रस्ताव मंजूर नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के विरोध के कारण टाल दिया गया। बीना को जिला बनाने को लेकर विधायक निर्मला सप्रे ने सीएम मोहन यादव के सामने शर्त रखी थी कि बीना को जिला बनाए जाने के बाद वे कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देंगी।