मध्यप्रदेश देश की खनिज संपदा और औद्योगिक विकास का प्रमुख उदाहरण है। यहाँ की खनिज संसाधन की विविधता और मात्रा इसे निवेश और व्यापार के लिए आकर्षक बनाते हैं। हाल ही में, मध्यप्रदेश को मिनरल ऑप्शन में पहला पुरस्कार मिला है, जो यहाँ के खनिज प्रबंधन की सफलता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 8 अगस्त को बेंगलुरू में एक इंटरेक्टिव सेशन में उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश की खनिज संपदा के बारे में जानकारी देंगे और निवेश के लिए प्रेरित करेंगे। इस सेशन में वे प्रदेश में एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन और मैंगनीज के 33 ब्लॉक्स की नीलामी और 17 कोल ब्लॉक्स के ऑक्शन की जानकारी देंगे। साथ ही, प्रमुख खनिजों के 20 ब्लॉक्स की ऑक्शन प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी।
मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है, और यहाँ थर्मल पावर प्लांट्स, कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स, और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए निवेश की कई संभावनाएँ हैं। प्रदेश में देश के कुल लाइमस्टोन भंडार का 9% है, जो इसे सीमेंट उद्योग के लिए आदर्श बनाता है।
इसके अलावा, मध्यप्रदेश में देश के डायमंड भंडार का 90% पाया जाता है, खासकर पन्ना और छतरपुर में। यहाँ डायमंड बिजनेस पार्क और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक्स की पहचान की गई है। पायरोफ्लाइट के उत्पादन में भी मध्यप्रदेश प्रमुख है, देश के कुल उत्पादन का 41% यहाँ होता है।
समृद्ध खनिज संपदा:
मध्यप्रदेश में विभिन्न प्रकार की खनिज संपदा उपलब्ध है। ग्वालियर और शिवपुरी में आयरन और क्वार्ट्ज, झाबुआ और अलीराजपुर में रॉक फास्फेट, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, मैंगनीज और ग्रेफाइट, नीमच में लाइमस्टोन, बैतूल में कोल, ग्रेफाइट, ग्रेनाइट, लेड और जिंक, छिंदवाड़ा में कोल, मैंगनीज और डोलोमाइट, बालाघाट में कॉपर, मंडला और डिंडोरी में डायमंड, डोलोमाइट और बॉक्साइट, सिंगरौली में कोल, गोल्ड, आयरन जैसे खनिज पाए जाते हैं।
राष्ट्रीय रैंकिंग:
मध्यप्रदेश तांबा, मैंगनीज और हीरा उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। रॉक फास्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे, और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, मध्यप्रदेश खनिज संपदा में निवेश के लिए एक प्रमुख स्थल बन गया है और यहाँ निवेशकों के लिए कई अवसर हैं।