ग्वालियर। ग्वालियर के पिछोर सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने सिर्फ इसलिए फांसी लगाकर जान दे दी कि उसका सिलेक्शन AIIMS (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में तो हुआ था, लेकिन वैरीफिकेशन में कुछ परेशानी के कारण नियुक्ति नहीं मिल सकी थी। उसने जान देने का कदम उठाने से कुछ देर पहले एक डिलीवरी कराकर किसी को जिंदगी दी थी। घटना पिछोर सरकारी अस्पताल के क्वार्टर की है। घटना का पता उस समय लगा जब नर्स का फोन रिसीव नहीं हो रहा था। परिजन ने पिछोर में एक मिलने वाले को उसके घर भेजा। घर में नर्स फांसी के फंदे पर लटकी मिली है। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मर्ग कायम कर लिया है।
ग्वालियर के पुरानी छावनी जिगसोली निवासी 28 वर्षीय काजल राजपूत पुत्री राजकुमार पेशे से नर्स है। दो साल से वह डबरा के पिछोर सरकारी अस्पताल (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) में पदस्थ है। पिछले दो साल से वह अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास में रहती थी। दोपहर को जब उसका कॉल रिसीव नहीं हो रहा था तो परिजन ने एक मिलने वाले और उसकी सहेली को सूचना दी। घर जाकर काजल से बात कराने के लिए कहा। जब उसकी सहेली उसके कमरे में पहुंची तो वह फांसी पर लटकी मिली। सुसाइड की खबर मिलते ही पिछोर थाना पुलिस भी मौके पर आ गई। कुछ देर बाद ग्वालियर से फोरेसिंक टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। पुलिस ने शव को उतरवाकर पीएम के लिए भेज दिया है। सोमवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन के सुपुर्द कर दिया गया है।
दिल्ली AIIMS में सिलेक्ट नहीं होने पर निराश थी
पुलिस ने पड़ताल की तो मालूम चला कि वह दिल्ली स्थित AIIMS में स्टाफ नर्स का पेपर देने गई थी। उसका सिलेक्शन भी हो गया था, लेकिन वैरीफिकेशन में कुछ गड़बड़ के चलते उसे बाहर कर दिया गया था। जब उसका सपना टूटा तो वह रविवार सुबह ही ग्वालियर लौटी और सीधे पिछोर अस्पताल पहुंच गई। यहां उसने एक सफल डिलीवरी भी कराई। इसके बाद घर जाकर उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। जानकारी के अनुसार बात दे इस मामले में पिछोर थाना प्रभारी केडी सिंह का कहना है कि स्टाफ नर्स ने फांसी लगाकर सुसाइड किया है। सुबह ही वह दिल्ली से लौटी थी। मौत की वजह का पता किया जा रहा है। शव को निगरानी में लेकर जांच शुरू कर दी है।