ग्वालियर – सरकारी कांटों पर गेहूं खरीदी का काम पूरा हो गया है। अब गोदामों में गेहूं जमा होने के बाद किसानों का भुगतान किया जा रहा है। इस साल 474 करोड़ में 24 लाख क्विंटल की खरीदी की गई है, जिसमें 412 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के खातों में हो चुका है। यह पैसा अब बाजार को राहत देने के लिए तैयार है। मानसून सीजन की शुरुआत हो गई है। 26 जून के बाद कभी भी मानसून ग्वालियर पहुंच सकता है। मानसून के आने के बाद खरीफ की बोवनी शुरू हो जाएगी। खरीफ की बोवनी शुरू होने से खाद व बीज मार्केट में बूम आएगा। इस बार अधिकतर किसानों ने अपना गेहूं सरकारी कांटों पर बेचा है। साथ ही बाजार में सरसों व चने का भाव भी अच्छा मिला है। मानसून सीजन के चलते बाजार में भीड़ भी नजर आने लगी है।
एक अप्रैल से गेहूं खरीदी की शुरुआत हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल जिले में ज्यादा गेहूं हुआ है। कोविड-19 के संक्रमण के बीच किसानों को गेहूं ने बड़ी राहत दी है। पिछले साल की तुलना में इस साल छह लाख क्विंटल गेहूं की खरीद अधिक हुई है। 1975 रुपये प्रति क्विंटल का भाव गेहूं का मिला है। इसी फसल पर खरीफ की बोवनी निर्भर रहती है। रबी की फसल का पैसा मिलने पर आगे की फसल की तैयारी की जाती है। इस साल 26 हजार में से 22 हजार किसान काटों पर गेहूं बेचने पहुंचे।