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Tuesday, November 12, 2024

जिसको जैसा टैलेंट उसे वैसा मिलेगा रोजगार, इस राज्य ने शुरु की योजना

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हैदराबाद: आंध्र प्रदेश जल्द ही देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जो स्किल सेंसस शुरू करेगा, जिसमें हर परिवार के सदस्यों के कौशल का डेटा इकट्ठा किया जाएगा। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि जो जाति जनगणना नहीं कर सकता, वह प्रशासन नहीं चला सकता। इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए, आंध्र प्रदेश अब इस स्किल सेंसस को लागू करेगा, जिसका लक्ष्य युवाओं को उनके हुनर के अनुसार रोजगार दिलाना है। यह सेंसस देश के लिए एक मॉडल बनेगा और राज्य में लगभग 20 लाख नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा। साथ ही, इस सेंसस का उद्देश्य राज्य में व्यावसायिक संस्थानों की संख्या बढ़ाना भी है। रिपोर्ट के अनुसार, इस सेंसस में आंध्र प्रदेश की करीब 67% जनसंख्या को शामिल किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश जल्द ही देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जो ‘स्किल सेंसस’ (कौशल जनगणना) की शुरुआत करेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, राज्य सरकार हर परिवार के सदस्यों का कौशल डेटा एकत्र करेगी, जिससे युवाओं को उनके हुनर के अनुसार रोजगार प्रदान करने की दिशा में काम किया जाएगा।

देश के लिए मॉडल बनेगा सेंसस:

इस सेंसस के माध्यम से राज्य सरकार का दावा है कि लगभग 20 लाख नौकरियां सृजित की जाएंगी। यह पहल न केवल युवाओं को उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिलाने में सहायक होगी, बल्कि राज्य में व्यावसायिक संस्थानों की संख्या बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस सेंसस के मॉडल को पूरे देश में लागू करने के लिए एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

डेटा आधारित योजना:
इस सेंसस को भी अन्य जनगणनाओं की तरह आंकड़ों से जोड़ा जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश की लगभग 67% जनसंख्या को इस योजना में शामिल किया जाएगा। यह पहल राज्य में रोजगार की स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

आंध्र प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के विकास की दिशा में एक नया अध्याय साबित हो सकता है, जिसमें लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

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