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Monday, November 18, 2024

ग्वालियर में भारतीय संविधान की मूल प्रति, आज देख सकते हैं आम लोग 

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ग्वालियर। गणतंत्र दिवस के मौक पर ग्वालियर की सेंट्रल लायब्रेरी खास आकर्षण का केंद्र रहती है, दरअसल 1950 में जब भारत का संविधान तैयार हुआ था। उस संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है। लायब्रेरी में संविधान दिवस, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संविधान की इस मूल प्रति को आम लोगों के देखने के लिए रखा जाता है। सरकार ने इस मूल प्रति को अब डिजिटल बुक में भी तब्दील कर दिया है, एक क्लिक में बड़ी स्क्रीन पर संविधान की मूल प्रति को डिजिटल फॉर्मेट में रोजाना देख सकते हैं।

 

1950 में ग्वालियर आई थी संविधान की मूल प्रति

ग्वालियर की सेंट्रल लायब्रेरी में भारतीय संविधान की मूल प्रति मौजूद है। संविधान की इस प्रति में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। भारत मे संविधान लागू होने के समय देशभर में कुल 16 मूल प्रतियां जारी की गई थी, भारत सरकार ने एक मूल प्रति सिंधिया राजवंश को दी थी, 1950 में सिंधिया राजवंश को मिली ये मूल प्रति सन 1956 में महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई। लाइब्रेरी में यह प्रति 31 मार्च 1956 में आई थी। प्रबंधक राकेश शर्मा का कहना है संविधान का ये कागज बेहत उच्च गुणवत्ता वाला है जिसकी उम्र एक हजार साल तर रहेगी। हर साल गणतंत्र दिवस सहित अन्य खास मौके पर इसे लाइब्रेरी में आने वाले लोगों के देखने के रखा जाता है। सामान्य तौर पर यह अलमारी में सुरक्षित रहती है।

 

संविधान का डिजिटल फॉर्मेट रोज स्क्रीन पर देखिए

 

सेंट्रल लायब्रेरी में संविधान की इस मूल प्रति को गणतंत्र दिवस,स्वतंत्रता दिवस और संविधान दिवस के मौके पर आम लोगों को देखने के लिए रखा जाता है। स्मार्टसिटी योजना के तहत अब संविधान की मूल प्रति को DIGITAL फॉर्मेट में भी तैयार किया गया है, लायब्रेरी में बड़ी स्क्रीन पर एक क्लिक में मूल प्रति के DIGITAL वर्जन को देखा जा सकता है। गणतंत्र सहित अन्य खास मौके पर दूर दूर से लोग संविधान की मूल प्रति को देखने आते हैं। संविधान की प्रति को देखने आने वाले भी इसे अनमोल मानते है, साथ ही उनका कहना है कि इससे हमे देश के गौरवशाली संविधान के बारे में जानने का मौका भी मिलता है। लोगों का कहना है कि डिजिटल फॉर्मेट में तब्दील होने के बाद संविधान बुक को रोजाना देख सकते हैं।

 

संविधान की मूलप्रति के बारे जानिए…

 

– संविधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को ड्राफ्टिंग का गठन हुआ।

 

– लगभग दो साल बाद 26 नवंबर 1949 पूर्ण रूप से संविधान तैयार हुआ।

– संविधान के निर्माण में कुल 284 सदस्यों का सहयोग रहा।

 

– संसदीय समिति ने  26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।

 

– उस समय संविधान की 16 मूल प्रतिया बनाई गई थी,

 

– संविधान की एक प्रति ग्वालियर की सेन्ट्रल लाइब्रेरी में रखी हुयी है।

 

– ग्वालियर में संविधान की मूल प्रति अब DIGITAL फॉर्मेट में भी तैयार हो चुकी है।

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