इमरान की असली मानसिकता उजागर, करतारपुर साहिब गुरूद्वारे को आईएसआई संगठन को सौंपा

पाकिस्तान। पाकिस्तान नहीं छोड़ता कोई मौका अब इमरान का असली चेहरा सामने आया है। जब इमरान ने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (Gurdwara) का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से छीन कर पाकिस्तान की विस्थापित ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड को दे दिया है। इमरान सरकार के इस इकतरफा फैसले के प्रति भारत के सिख श्रद्वालुओं और सिखों की सर्वोच्च संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में भारी रोष है।

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एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने दिया बयान – 

एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने पाकिस्तान के इस फैसले की कड़ी निंदा की है तथा फैसले तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा (Gurdwara) प्रबंधन कमेटी ही देख सकती है क्योंकि वह सिख संगत की भावनाओं और करतारपुर साहिब के महत्व को अच्छे से समझती है।

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विदेश मंत्रालय ने भी की निंदा – 

विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की निंदा की है। मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान का फैसला सिख संगत की आस्था और धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। इस तरह के फैसले पाकिस्तान सरकार की पोल खोलते हैं। इन हरकतों से पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर होता है।

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सिख समुदाय की प्रधानमंत्री से गुहार – 

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने तथा पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करने का आग्रह किया कि वह श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (Gurdwara) प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (पीएसजीपीसी) को वापस करे तथां ईवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के तहत स्थापित नौ मैंबरीय प्रबंधन कमेटी को रद्द करें। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष तत्काल उठाने का अनुरोध करते हुए कहा कि  विदेश मंत्रालय को  जल्द से जल्द गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर को यथास्थिति वापस करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

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करतारपुर कॉरिडोर का हुआ था निर्माण –

दिल्ली सिख गुरुद्वारा (Gurdwara) प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने आउटलुक से बातचीत में कहा, “पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, पाकिस्तान की इमरान सरकार ने गुरुद्वारे का प्रबंधन एक सिख संगठन से छीनकर आईएसआई  संगठन पाकिस्तान विस्थापित ट्रस्ट बोर्ड को सौंपा है। एक साल पहले खुले करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। जिसके लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एक कॉरिडोर का निर्माण भी किया गया था, इसका उद्घाटन भारत की तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और पाकिस्तान की तरफ प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया था। कोरोना महामारी की वजह से मार्च महीने से कॉरिडोर बंद है, जिसे अभी तक नहीं खोला गया है।

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