भोपाल। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। जिलों में इसकी तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह गुरुवार को समीक्षा करेंगे। इसमें वे कलेक्टरों से मतदाता सूची, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की उपलब्धता, मतदान केंद्र, चुनाव में लगने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान, प्रशिक्षण आदि के विषय में जानकारी लेंगे। उधर, शासन स्तर पर भी चुनाव से संबंधित तैयारियां हो चुकी हैं। अब सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण होना बाकी है, जो नवंबर के प्रथम सप्ताह में किया जा सकता है।प्रदेश में 23 हजार से ज्यादा पंचायतों के साथ 313 जनपद और 52 जिला पंचायतों के चुनाव कराए जाने हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने अपने स्तर पर पूरी तैयारियां कर ली हैं। जिलों में मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण अगले सप्ताह से प्रारंभ किया जा रहा है।
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की पहले दौर की जांच पूरी हो चुकी है। मतदान के समय लगने वाले स्याही से लेकर अन्य तैयारियां भी आयोग ने कर ली है। जिलों में चुनाव की तैयारियों को लेकर स्थिति की समीक्षा राज्य निर्वाचन आयुक्त गुरुवार को कलेक्टरों के साथ बैठक में करेंगे।इस दौरान कानून व्यवस्था से लेकर चुनाव से जुड़े सभी पहलूओं पर चर्चा की जाएगी। उधर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दीपावली के बाद जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्रवाई कर सकता है। इसकी तैयारियां भी प्रारंभ हो गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराने की तैयारी की है। पहले चरण में सात हजार 527, दूसरा चरण में सात हजार 571 और तीसरे चरण में आठ हजार 814 पंचायतों के चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके साथ ही जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों के चुनाव होंगे। जिला और जनपद के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के माध्यम से होंगे। जबकि, सरपंच और पंच का चुनाव मतपत्र के माध्यम से होगा। मतदान एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर कराया जाएगा।