मंदसौर। अंचल की अब तक की सबसे बड़ी श्री हनुमंत कथा बुधवार से प्रारंभ हो गई। पहले दिन ही पंडाल भर गए। कई लोग कथा सुनने पहुंचे। दोपहर में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री हेलीकाप्टर से सीतामऊ पहुंचे। यहां भक्तों से मिले और चिर परिचित अंदाज में सभी का अभिवादन किया। शाम को हुई कथा में श्री हनुमान चालीसा की एक-एक चौपाई का गूढ़ रहस्य बताया। 8 जून को सुबह खेजडि़या में कथा स्थल पर दिव्य दरबार लगा
पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री बुधवार दोपहर 2:30 बजे सीतामऊ की धरती पर उतरे। उनकी झलक पाने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। हेलीपेड जयकारे से गुंजायमान हो गया। पंडित शास्त्री खुली जीप पर सवार होकर भक्तों का अभिवादन स्वीकारते हुए सीतामऊ में ही निवास पर पहुंचे। तीन दिवसीय हनुमंत कथा के शुभारंभ से पूर्व ही पूरा पंडाल भर गया।
बाहर से सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने यहां डेरा डाल दिया है। उनके ठहरने एवं सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए बालाजी सेवा समिति द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हजारों कार्यकर्ता सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। आयोजन के सूत्रधार कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग आयोजन को सुचारू रूप देने में लगे हैं। सीतामऊ में स्कूल के पास ही बने फार्म हाउस पर ही पंडित शास्त्री ठहरे।
हेलीपेड से वे सीधे यहां पहुंचे। इसके बाद शाम लगभग 4 बजे वह कथा स्थल के लिए रवाना हुए। इस दौरान सीतामऊ-खेजडि़या के बीच का लगभग 17 किमी मार्ग भगवा ध्वजाओं से सजाया गया। रास्ते में श्रद्धालु महाराज की एक झलक पाने को आतुर रहे। तहसील मुख्यालय से लेकर ग्राम खेजडि़या तक सभी हनुमान मंदिरों में सजावट की गई। 17 किमी मार्ग पर बसों व अन्य वाहनों के आवागमन को सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक प्रतिबंधित कर दिया। इससे श्रद्धालुओं व जनसमुदाय के आगमन को सुविधा रही।
केवल कथा में आने-जाने वाले जनसमुदाय व सेवादल कार्यकर्ताओं के लिए मार्ग आरक्षित किया गया है। ग्राम खेजडि़या में तो धार्मिक मेले का नजारा दिख रहा है। खेजडि़या का श्री बालाजी मंदिर तो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। ग्रामवासी भी उत्साह व उमंग के साथ सेवाएं दे रहे हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल लगा हुआ है प्रशासनिक अमला चुस्ते हैं।