भोपाल | मध्य प्रदेश में 2 मार्च को शिवराज सरकार अपने चौथे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी. आने वाले नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए सरकार शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी घोषणाएं कर सकती है. प्रदेश में 102 समपार फाटकों (Level Gates) पर रेलवे ओवर ब्रिज (Railway Over Bridge) बनाने का प्रावधान भी बजट में किया जा सकता है. दो साल में पूरे होने वाले इस टारगेट के लिए रेलवे से आधी राशि मिलेगी, वहीं बाकी राशि प्रदेश सरकार देगी. इसके अलावा बजट में सरकार का फोकस किसान और रोजगार पर रहने की उम्मीद है.
राज्य में निर्माण कार्यों में समरूपता लाने के उद्देश्य से इस बार बजट में रिसर्च डिजाइन एंड डवलपमेंट विंग (Research Design and Development Wing) का गठन हो सकता है. चुनाव और शहरी विकास को देखते हुए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) को लगभग 5 हजार करोड़ का बजट मिल सकता है. किसान आंदोलन के असर को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार का बजट में किसानों पर सबसे ज्यादा ध्यान रहेगा. कृषि के लिए बजट में करीब 30,000 करोड़ की राशि देने की घोषणा हो सकती है. किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र मुहैया कराने के उद्देश्य से कस्टम हायरिंग भी बढाई जा सकती है.
शिवराज सरकार ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि उनकी सरकार का पूरा फोकस आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की ओर रहेगा. इसे देखते हुए बजट को आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. उम्मीद है कि कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र पर सरकार का ध्यान रहेगा. सरकार के 2023 आत्मनिर्भर मिशन को ध्यान में रखते हुए योजनाएं मिशनमोड में चलेंगी. करीब एक करोड़ से अधिक ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के तहत नल के माध्यम से पानी की सुविधा प्रदान की जाएगी.
बताया जा रहा है कृषि समेत बाकी विभागों को योजनाओं के लिए पैकेज बनाकर बजट मिलेगा. बिजली सब्सिडी के लिए ऊर्जा विभाग को करीब 10 हजार करोड़ रुपए, वहीं किसान सम्मान निधि के लिए 3,500 करोड़ रुपए का प्रविधान राजस्व विभाग के बजट में रहने के आसार हैं. किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन दिलाने के लिए बजट में करीब 700 करोड़ रुपए रखे जाने की उम्मीद है. इसी के साथ फसल बीमा, प्रसंस्करण उद्योग को भी बढ़ावा देने के लिए बजट में घोषणाएं हो सकती हैं.
इस बार बजट में राज्य के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सालों से लंबित वेतनवृद्धि दी जा सकती है. वहीं अंशदायी पेंशन योजना में भी राज्यांश को 10% से बढ़ाकर 14% तक किया जा सकता है. कर्मचारियों और पेंशनधारियों की राहत राशि (DR) और महंगाई भत्ता (DA) भी बढ़ाया जा सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को अभी 12% DA-DR मिलता है. लेकिन आगामी बजट में 5% लंबित और आगामी DA और DR के लिए भी राशि का प्रावधान होने की उम्मीद है.
CM स्व-रोजगार योजनाओं को बदले हुए स्वरूप में लागू किया जाएगा. कृषक उत्पादक समूहों का गठन, सहकारी समितियों को युवाओं से जोड़ने समेत महिला स्व-सहायता समूह का विस्तार और अन्य कार्यक्रमों के लिए बजट में प्रविधान होने की उम्मीद है. कृषि स्नातक और कृषि पुत्रों को प्राथमिकता देते हुए कस्टम हायरिंग सेंटरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, जिससे कि रोजगार को बढ़ावा मिले. कोरोना काल में बिगड़ी अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार का जोर अब आर्थिक प्रबंधन को मजबूत करने की ओर रहेगा.
आय के अतिरिक्त ऑप्शन जुटाने के लिए सरकार कई नए प्रावधान कर सकती है. सरकार टैक्स चुकाने वाले उपभोक्ताओं के लिए भामाशाह योजना को फिर से लागू करने जा रही है. इस बार बजट में सड़क परिवहन निगम, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के साथ ही अन्य संस्थाओं की अनुपयोगी संपत्तियों की नीलामी की घोषणा होने की उम्मीद है. राजस्व जुटाने के लिए सरकार का ध्यान बकाया कर वसूली कैसे हो इसके समाधान की ओर रहेगा.