डेस्क: एक हालिया अध्ययन ने डेंगू के बाद स्वास्थ्य से जुड़े चिंताजनक तथ्यों को उजागर किया है। सिंगापुर की एनटीयू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, डेंगू से उबर चुके लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा कोविड-19 मरीजों से 55% अधिक होता है। यह अध्ययन जुलाई 2021 से अक्टूबर 2022 के बीच 11,707 डेंगू रोगियों और 12,48,326 कोविड-19 मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड्स और स्वास्थ्य परीक्षणों का विश्लेषण करके किया गया।
डेंगू संक्रमण हो सकता है जानलेवा
डेंगू वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति को गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अक्सर इसे “हड्डियों के टूटने” जैसा दर्द महसूस होता है। यह इंफेक्शन संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है और यदि समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
इम्यूनिटी और अंदरूनी रक्तस्राव का खतरा
डेंगू से ठीक होने के बाद भी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती। यह चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से मिलता-जुलता है। साथ ही, इस संक्रमण के बाद शरीर में अंदरूनी रक्तस्राव का भी खतरा बढ़ जाता है।
डेंगू और कोविड के दीर्घकालिक साइड इफेक्ट्स
डेंगू और कोविड-19 दोनों ही बीमारियों के तुरंत बाद ठीक होने के बावजूद इनके दीर्घकालिक दुष्प्रभाव मरीजों पर दिखाई देते हैं। अध्ययन के अनुसार, इन वायरल संक्रमणों से ठीक हुए मरीजों में दिल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा लंबे समय तक बना रहता है, जो कि विशेष चिंता का विषय है।
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