अनूपपुर:अनूपपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके में हाल ही में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। इन मौतों का कारण गंदा पानी पीना बताया जा रहा है, हालांकि प्रशासन और संबंधित अधिकारियों ने अलग-अलग कारणों का हवाला दिया है। यह घटना शहडोल लोकसभा क्षेत्र के पुष्पराजगढ़ तहसील के ग्राम सालारगोंदी में हुई है, जो दो बार की सांसद हिमाद्री सिंह का गृह क्षेत्र है। हिमाद्री सिंह खुद भी इसी आदिवासी समाज से आती हैं और उनका परिवार वर्षों से इस क्षेत्र में राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है।
डायरिया का कहर, पूरा परिवार हुआ तबाह
इस घटना में डायरिया के प्रकोप ने एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान ले ली। मृतकों में एक गर्भवती महिला, उसका बेटा, बहू और गर्भ में पल रहा मासूम शामिल हैं। साफ पीने के पानी की अनुपलब्धता ने इस दर्दनाक हादसे को अंजाम दिया है। पुष्पराजगढ़ तहसील के कई अन्य गांवों में भी पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन इस ओर कोई खास प्रयास नहीं किए गए हैं। शुद्ध पेयजल की कमी के कारण कई और मौतें भी हो सकती हैं, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
विभाग ने झाड़ा पल्ला, लोग हैं मजबूर
क्षेत्रीय नेता और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। जिले का स्वास्थ्य विभाग भी अपनी कामयाबी के दावे करता रहा है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। जिले के विभिन्न गांवों में पहले भी डायरिया के कारण कई मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महोरा, कालाडाही, आमटोला, गढ़ीददम, चौरादादर और चारकुमार शामिल हैं। हाल ही में सालारगोंदी में डायरिया के प्रकोप ने एक ही परिवार के चार लोगों की जान ले ली, जबकि अन्य चार लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
योजनाओं का केवल कागजी अस्तित्व
नल-जल योजना और हर घर जल योजना जैसी सरकारी योजनाएं केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई हैं। इन इलाकों के लोग अब भी अपनी प्यास बुझाने के लिए नदी, नाले या छोटे-छोटे गड्ढों से पानी पीने को मजबूर हैं। बीते दिनों की घटना ने इन योजनाओं की वास्तविकता को उजागर कर दिया है, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई और प्रशासन ने अब भी अपना पल्ला झाड़ रखा है।
विधायक फुंदेलाल के कार्यों पर सवाल
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जो पूरी तरह से आदिवासी बाहुल्य है, यहां से फुंदेलाल लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में पीने के साफ पानी की समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है।
कलेक्टर ने क्या बोला
अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने इस मामले पर कहा कि उन्होंने स्वयं मौके का दौरा किया और पाया कि ग्रामीण हेड पंप का पानी पी रहे हैं, जिसे शुद्ध बताया गया है। उन्होंने कहा कि पानी की कोई गंभीर समस्या नहीं है।