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पीएम केयर फंड के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज  

दिल्ली :- पीएम केयर्स फंड में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर करने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीएम केयर्स फंड भी चैरिटी फंड ही हैं। लिहाजा राशि ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था NDRF में दान नहीं कर सकती है। परीक्षण के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर फंड का आरक्षण किया था। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राष्ट्रीय और राज्यों के आपदा में राहत कार्यों के लिए पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते हैं, जिसमें स्वैच्छिक दान स्वीकार किए जाते हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि पीएम केयर्स फंड बनाने पर रोक नहीं है, इस फंड में लोग स्वेच्छा से दान दे सकते हैं। इसलिए सारा पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग परीक्षण योग्य नहीं है, इस मामले में दायर जनहित याचिका खेजिज की होनी चाहिए।

 

इस मामले में 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) द्वारा दायर याचिका में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। जिसमें वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और केंद्र को 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब हलफनामा दायर करने के लिए कहा था।

 

याचिका में कहा गया कि केंद्र को डीएमए के अनुसार कोविड-19 को शामिल करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करनी चाहिए, केंद्र को राहत के लिए न्यूनतम मानकों को लागू करना चाहिए और डीएमए के अनुसार उन मानकों को लागू करना चाहिए। पीएम केयर फंड के अनुसार सभी रसीदें जो सीएजी द्वारा ऑडिट नहीं की जा रही हैं और यहां तक ​​कि बुनियादी जानकारी का खुलासा नहीं किया जा रहा है, उन सभी को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष में स्थानांतरित किया जाएगा और डीएमआर के अनुसार एनडीआरएफ से उपयोग किया जाएगा। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की बेंच का फैसला सुनाया कि COVID-19 से सामना के लिए 2019 की राष्ट्रीय योजना, न्यूनतम मानक पर्याप्त हैं और नई योजना की कोई आवश्यकता नहीं है।

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