श्योपुर। कूनो में चीतों को छोड़ने के बाद कराहल की सभा में पीएम मोदी अपनी मां को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, अगर मेरे जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं रहता तो मैं अपनी मां का पास जाता, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेता। आज मैं अपनी मां के पास नहीं जा सका, लेकिन आज जब मेरी मां देखेगी कि मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, तो उनको जरूर संतोष होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद हेलिकॉप्टर से कराहल (श्योपुर) पहुंचे थे। वे यहां महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री योजना के तहत चार कौशल केंद्रों का लोकार्पण किया। ये योजनाएं विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए काम करेंगी।
पीएम ने कूनो लाए गए चीतों का जिक्र करते हुए कहा, मध्यप्रदेश के मेरे भाइयों-बहनों, भारत सरकार ने आपको ये चीते इसलिए भेंट किए हैं, क्योंकि हमारा विश्वास आप पर ज्यादा है। मध्यप्रदेश ने कभी मेरे भरोसे पर आंच नहीं आने दी है और मैं जानता हूं कि श्योपुर के भाई-बहन भी मेरे विश्वास को टूटने नहीं देंगे। कराहल में हुए सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद मोदी एयर फोर्स स्टेशन महाराजपुरा पहुंचे और वहां से विशेष विमान से दिल्ली निकल गए।
भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने भारत की सरजमीं पर पहला कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारैंटाइन बाड़े में छोड़ा। रिकॉर्डेड भाषण में PM मोदी ने चीते भेजने के लिए नामीबिया का आभार माना।