गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। हर शख्स अपने गुरु को याद कर रहा है, उनका सम्मान कर रहा है। इस दिन का धार्मिक महत्व भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा किया। पीएम मोदी ने सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा, आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं, और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था।
त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है। इसलिए, तब उन्होंने केवल पांच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा, सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया। बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं। आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।
बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है। अपने इस संबोधन के बारे में खुद पीएम मोदी ने जानकारी दी थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, 24 जुलाई को सुबह करीब 8:30 बजे आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा करूंगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। यह हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा अपने गुरुओं या शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।