ग्वालियर। कंपू थाने की नाक के नीचे चल रहे सटोरिया समीर खान के अड्डे को आखिरकार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद दबिश देकर फिलहाल बंद करा दिया गया है। पुलिस की दबिश में सट्टा चलता मिला। सट्टे के अड्डे् पर पुलिस के पहुंचते ही भगदड़़ मच गई। पुलिस ने घेराबंदी कर सटोरियों की गैंग के करीब 9 लोगों को पकड़ा है। लेकिन अड्डे का मुख्य सरगना समीर और उसके कुछ करीबी साथी मौके से फरार हो गए है। खास बात यह थी, कि इस पूरी कार्यवाही में कंपू थाना पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी गई और दूसरे थानोंं की फोर्स ने कार्यवाही को अंजाम दिया है।
पुलिस कप्तान के निर्देश पर कार्रवाही…
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी संज्ञान में आने के बाद निंबालकर की गोठ में सरेआम चल रहे सटोरिए समीर के अड्डे पर पुलिस ने भारी बल के साथ दबिश दी है। जैसे ही पुलिस बल ने सट्टे के अड्डे को घेरना शुरू किया,तो वहां पर करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद थे। पुलिस को देख कर सटोरिओ को जहां जगह दिखी वह उस गली में भाग खड़े हुए। पुलिस के हत्थे समीर का सट्टा संभालने वाला विनोद धोबी सहित 9 लोग चढ़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है ,कि जिस वक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी उस समय सट्टे के कारोबार का सरगना समीर वहीं आसपास मौजूद था और आसपास उसके कई रहनुमाओं के घर है ,जिसका फायदा उठाकर वह आस-पास ही कहीं छुप गया था। हालांकि पुलिस ने उसकी काफी तलाश की लेकिन वह नहीं मिला है। कार्यवाही के बाद पकड़ गए सटोरियों और नगद रुपयों को कार्रवाई के लिए कंपू थाने सुपुर्द कर दिया गया है।
कार्यवाही का इंतजार…
इस पूरी कार्रवाही के दौरान खास बात यह रही है, कि इंदरगंज और झांसी रोड पुलिस बल सटोरिया के अड्डे पर दबिश देने पहुंची थी,लेकिन कंपू थाना पुलिस बल को इस दबिश में शामिल नहीं किया गया था। इससे साफ जाहिर हो जाता है, कि सट्टे का यह काला कारोबार कहीं ना कहीं इलाके की पुलिस के संरक्षण में ही फल फूल रहा है। ऐसे में अब यह पूरा मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद क्या अब संबंधित कंपू थाना के बीट प्रभारीयो और थाने की भूमिका की पड़ताल की जाएगी और क्या संबंधित दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की जाएगी।