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पुलिस ने मिलकर डाली करोड़ो की डकैती, 302 के फरार आरोपी की पत्नी ने लगाया आरोप

अशोकनगर :- अशोकनगर (Ashok Nagar) में धारा 302 के अपराध में फरार आरोपी गिर्राज यादव की पत्नी सुनीता यादव हाई कोर्ट का ऑर्डर लेकर पहुंची जहाँ पुलिस (Police) अपने दल बल के साथ सुनीता यादव को मकान तथा उनके शोरूम को हाईकोर्ट के ऑर्डर के अनुसार सुपुर्द करने पहुंची। लेकिन सुनीता यादव मकान के ऊपर मीडिया को साथ ले जाने पर अड़ी रही इसके साथ ही उनके वकील चंद्रशेखर साहू भी मीडिया की मौजूदगी में सुपुर्दगी लेने पर अड़े रहें। परंतु बहादुरपुर एसडीओपी स्वेता गुप्ता लगातार मीडिया और कैमरे की रिकॉर्डिंग में सुपुर्दगी देने पर मना करते हुए दिखे। जिसके कारण सुपुर्दगी का मामला लगभग डेढ़ घंटे चलता रहा। सुनीता यादव बिना मीडिया एवं अन्य किसी कैमरे की वीडियोग्राफी के बिना ही मकान और शोरूम सुपुर्दग देकर चली गई। वही फरियादी सुनीता ने सुपुर्दगी पर पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके मकान जो कि लगभग 2 महीने से पुलिस के पास था, उसमें से 8लाख नगदी 35 तोला सोना एईडी, टीवी और कुछ एफडी एवं महत्वपूर्ण चेक नहीं मिले। उन्होंने पुलिस पर मौका पाकर घर के अंदर लूटपाट करने का आरोप हैं।

दरअसल 2 जून 2020 को अशोकनगर के बहादुरपुर थाने के कुलुआ चक्क गांव में खूनी संघर्ष में मारे गये आदिवासी हत्याकांड के आरोपी गिर्राज यादव अभी भी फरार है। इस दौरान पुलिस ने उसके घर से बंदूक, कार जप्त कर माकन और शोरूम को सील कर दिया था। जिसके बाद उनकी पत्नी सुनीता यादव हाई कोर्ट की शरण में गई और ऑर्डर लेकर पहुंची। जहां पुलिस अपने दल बल के साथ सुनीता यादव को मकान तथा उनके शोरूम को हाईकोर्ट के ऑर्डर अनुसार सुपुर्द करने पहुंची लेकिन इस बीच फरियादी सुनीता ने सुपुर्दगी के वक्त पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके मकान जो कि लगभग 2 महीने से पुलिस के पास था, उसमें से 8लाख नगदी 35 तोला सोना एईडी, टीवी और कुछ एफडी एवं महत्वपूर्ण चेक नहीं मिले। उन्होंने पुलिस पर मौका पाकर घर के अंदर लूटपाट करने का आरोप हैं।

बतादें कि बहादुरपुर एसडीओपी श्वेता गुप्ता के द्वारा बिना सर्च वारंट के घर के अंदर ताला तोड़कर दिनांक 31 मई 2020 घुसा गया था और सुनीता यादव के मुताबित तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा का सोना और घर के टीवी, कंप्यूटर, एफडी, चेक सहित जरुरी काजगातो  की लूट की गई। जो की वीडियो रिकॉर्डिंग स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि घर में भारी तोड़फोड़ की गई है और लूटपाट की गई है। जबकि पुलिस बिना सर्च वारंट के ताला नहीं खोल सकती है और यहां पुलिस ने उसे पंचनामा के आधार पर एसडीओपी श्वेता गुप्ता के द्वारा ताला तोड़ दिया गया और ढाई घंटे तक घर के अंदर रहे हैं और ढाई घंटे के बाद दूसरा ताला लगाया है और चाबी अपने ही पास राखी। आज यानि की गुरूवार को 2 महीने बाद जब ताला खोला तो पूरा तो पूरा घर तहस नहस दिखा। अब बड़े सवाल खड़े हो रहे है जब घर और शोरूम पुलिस के सुपुर्द था तो लूट कैसे हुई, इस पर कोई कोई भी जिम्मेदार अफसर बोलने को तैयार नहीं है।

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