भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच साल पहले अपने कार्यकाल के दौरान प्रतिवर्ष 5000 पुलिस आरक्षकों की भर्ती की योजना बनाई थी, लेकिन इसके बाद केवल एक बार 6000 आरक्षकों की भर्ती हो पाई। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है, पुलिस आरक्षकों की नियमित भर्ती पर जोर दे रहे हैं।
कर्मचारी चयन मंडल को भेजा जाएगा भर्ती का प्रस्ताव
वर्तमान में लगभग 7500 पुलिस आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है। इसी वर्ष चयन सूची जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद लगभग इतने ही पदों के लिए और भर्ती की तैयारी भी पुलिस मुख्यालय ने शुरू कर दी है। इस वर्ष कर्मचारी चयन मंडल को भर्ती का प्रस्ताव भेजा जाएगा, ताकि मंडल अगले वर्ष मार्च के पहले भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर सके।
अगले वर्ष की भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा में अंक 50-50 प्रतिशत होंगे। पूरी भर्ती प्रक्रिया में लगभग डेढ़ वर्ष लग जाएंगे। इसका मतलब है कि अगर 2025 में विज्ञापन जारी होता है, तो आरक्षकों की नियुक्ति 2026 तक ही हो सकेगी।
आरक्षकों की कमी
मानदंड के अनुसार, 50,000 लोगों पर एक थाना होना चाहिए। ऐसे में प्रदेश में जिला पुलिस बल के लिए 1700 थानों की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में केवल 968 थाने हैं। पुलिस बल की कमी के कारण थानों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह, हर जिले में एक साइबर थाना बनाने की योजना भी बल की कमी के कारण मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। आरक्षकों की नियमित भर्ती से ये काम संभव हो सकेंगे, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा।