श्योपुर। एमपी बॉर्डर पर बुधवार को राजस्थान की महिलाओं पर मप्र पुलिस ने लाठियां भांजी। मृतक के परिजन यहां शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें मप्र के कांग्रेस विधायक भी शामिल थे। लाठीचार्ज में कांग्रेस विधायक समेत 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
राजस्थान के खातोली कस्बा निवासी धर्मेंद्र पिता रघुनाथ पारेता पर श्योपुर जिले की देहात थाना पुलिस ने ईको कार में 7 पेटी अवैध शराब भरकर ले जाने का केस दर्ज किया था। इसके बाद मंगलवार को उसने आत्महत्या कर ली। बुधवार दोपहर 3.30 बजे एमपी-राजस्थान बॉर्डर पर जलालपुरा के पास धर्मेंद्र के परिजन उसका शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान वहां भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल भी शामिल हो गए थे । पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने महिलाओं को भी पीटा। लाठीचार्ज में कांग्रेस विधायक को भी चोट आई। उनका चारपाई पर लिटाकर इलाज किया गया। बाद में मौके पर पहुंचे अफसरों ने हंगामा शांत कराया। पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज कर निलंबित भी कर दिया, लेकिन मृतक के परिजन सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। हंगामा देर रात 11 बजे तक चलता रहा।
धर्मेंद्र के परिजनों का आरोप है कि श्योपुर जिले की देहात थाना पुलिस ने उनके बेटे पर कार में अवैध शराब रखने का झूठा केस दर्ज किया है। पुलिस ने झूठे केस में फंसा कर प्रताड़ित किया। जिसकी वजह से उसने आत्महत्या की है। मृतक के परिजनों ने मांग की है कि देहात पुलिस थाने के दोषी स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, उन्हें सस्पेंड किया जाए। पकड़ी गई गाड़ी को छोड़ा जाए और केस वापस लिया जाए। धर्मेंद्र पत्नी सुनीता का कहना है कि उनके पति धर्मेंद्र आटा चक्की चला कर और किराए से गाड़ी चलाकर परिवार का गुजारा करते थे। उनके मरने के बाद उनके परिवार का गुजारा कौन करेगा? गाड़ी की किस्त कौन भरेगा? झूठे केस में फंसाने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें तत्काल सस्पेंड किया जाए। वहीं धर्मेंद्र की मामी कृष्णा शिवहरे ने कहा कि पुलिस वालों ने सबको मारा। महिलाओं को भी मारा और बच्चों को भी मारा।
विधायक जंडेल ने कहा कि मैं भारत जोड़ो यात्रा में था। मुझे फोन आया कि पुलिस ने एक शख्स को पकड़ा है। उसे पकड़कर श्योपुर ले आए। पुलिस ने दो लाख रुपए की मांग की। परिजन ने 50 हजार रुपए होने की बात कही। युवक ने परिवार का नाम खराब ना हो इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। मैं उनके परिवार के समर्थन में प्रदर्शन करने आया, तो लाठीचार्ज में मैं भी घायल हो गया। पुलिस वालों ने मेरे गार्ड को भी मारा। विधायक का आरोप है कि पुलिस ने निर्दोष व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करके उससे रुपए की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर उसके खिलाफ शराब का झूठा मुकदमा दर्ज किया। प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। इस पूरे मामले में देहात थाना प्रभारी और उसका स्टाफ दोषी है। देहात थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए।