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Friday, September 20, 2024

इस मामले पर सियासत गरमाई, दिग्विजय सिंह ने गोविंद सिंह पर लगाया ये आरोप

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सागर। सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव में करीब 10 अहिरवार समाज के मकानों पर वन विभाग की टीम ने राजस्व और पुलिस विभाग के अमले के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर बुलडोजर चला दिया। कार्रवाई की जानकारी जैसे ही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लगी, तो उन्होंने ट्वीट कर इस कार्रवाई का विरोध किया। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर आरोप लगाते हुए लिखा कि सागर ज़िले के सुरखी विधानसभा के ग्राम रैपुरा के लगभग 10 अहिरवार समाज अनुसूचित जाति के प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित मकान मंत्री गोविंद राजपूत के निर्देश पर गिराए गए। क्यों? क्योंकि ये मंत्री से डरते नहीं हैं। दिग्विजय सिंह गुरुवार को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सुरखी विधानसभा के रैपुरा गांव पहुंचेंगे और मुलाकात कर पीड़ित परिवारों से कार्रवाई की जानकारी लेंगे। वहीं, पीड़ितों का कहना है कि मंत्री के इशारे पर बारिश के मौसम में हमारी छत छीन ली गई। ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना में बने थे।

दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद सियासत तेज हो गई है। कार्रवाई को लेकर सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का बयान सामने आया है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि आज मैंने सुबह दिग्विजय सिंह जी का ट्वीट देखा उन्होंने कहा सुरखी विधानसभा क्षेत्र के कुछ मकान तोड़े गए हैं, जो कि दलितों के हैं। मैंने कलेक्टर से बात की, वन विभाग के अधिकारियों से बात की डीएफओ से बात की, तो डीएफओ ने बताया कि वह वन विभाग की जगह थी, तो अतिक्रमण हटाया गया है। मैंने कहा उनका सही नाप किया जाए फिर से देखा जाए। अगर उनके पास जगह नहीं है, तो उनको पट्टे दिए जाएं, उनको भी विस्थापित किया जाए। प्रधानमंत्री योजना के तहत उनके आवास बनाए जाएं। मैंने उनको निर्देश दिए हैं, मेरी मुख्यमंत्री जी से भी बात हुई है, उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, पूरी तरीके से दलितों के साथ खड़ी है। कांग्रेस के भ्रामक प्रचार में ना आएं। हमारी सुरखी में जो दलित लोग हैं, अहिरवार समाज के लोग हैं, एससी समाज के लोग हैं, वह हमारे परिवार के समान हैं। हमारा निवेदन है कि कांग्रेसियों की बातों में ना आए सबके साथ न्याय होगा।

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर दक्षिण वन मंडल के डीएफओ महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि ग्राम रैपुरा में वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। बुधवार को रैपुरा ग्राम में वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग की कार्रवाई में वन भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है। करीब एक वर्ष से अतिक्रमण हटाने की प्रकिया चल रही थी। इन लोगों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 27 पी धारा भी दर्ज किया गया था। धारा सी का नोटिस भी दर्ज दिया गया था। कई बार नोटिस दिए गए स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था।

वहीं, दलितों के घर तोड़े जाने के मामले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि सागर जिले के सुरखी में जिस तरह से शिवराज सरकार ने दलित समुदाय के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया है, उससे स्पष्ट है कि यह सरकार निरंकुश होने के साथ ही अन्यायी, अत्याचारी और अमानुषिक हो गई है। कांग्रेस पार्टी इस संकट की घड़ी में पीड़ित परिवारों साथ हैं और उन्हें हर कीमत पर न्याय दिलाकर रहेगी।

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