Positive News/गुना। एक गांव महिलाओं की सफल क्रांति का गवाह बन गया है। प्रदेश के इस गांव में महिलाओं ने शराब के खिलाफ ऐसी जंग छेड़ी कि गांव का माहौल ही बदल गया। गांव में शादी समारोह हो या फिर अन्य उत्सव, न तो शराब पी जाती है और न ही किसी को परोसी जाती है। अगर कोई व्यक्ति गांव में शराब पीकर आता है तो उससे 500 से एक हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाता है।
यहां के लोगों ने पिछले 12 वर्ष से शराब से तौबा कर ली है। यह गांव है गुना जिले की जनपद पंचायत चांचौड़ा में नेताखेड़ी पंचायत का ब्राह्मणपुरा। अब हाल ये है कि गांव में अगर किसी की बेटी की शादी होती तो लड़की का पिता पहले ही लड़के वालों को सूचित कर देता है कि अगर कोई भी बराती शराब पीकर गांव आया तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। शराब पीने वालों पर अभी तक गांव के लोग 15 हजार रुपये का जुर्माना लगा चुके हैं। जुर्माने की राशि मंदिर और धार्मिक कार्यक्रमों पर खर्च की जाती है।
शराबबंदी का नतीजा यह हुआ कि अब गांव में खुशहाली है। बच्चे और महिलाएं बेहद खुश हैं। एक महिला बनी प्रेरणा गांव की महिला कृष्णा बाई और अन्य महिलाओं ने अनूठी पहल का यह असर है। 12 वर्ष पहले नशे के खिलाफ बैठक की गई थी, जिसमें तय हुआ था कि गांव में अगर कोई शराब पीकर आता है तो 500 से लेकर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
कृष्णा बाई का कहना है कि अगर व्यक्ति सुबह और शाम को घर में पूजा करता है। साथ ही बच्चों को समय देता है तो वह कभी शराब को हाथ नहीं लगाएगा। बराती शराब पीकर आए तो लगा दिया जुर्माना ग्रामीण कोमल शर्मा और मुकेश ने बताया कि उनके यहां करीब पांच बरातों में हिदायत के बाद भी बराती युवक शराब पीकर आए थे तो उनसे जुर्माना वसूला गया।