भोपाल। मध्य प्रदेश के निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों के संकेत मिलने के साथ ही दावेदारों की गतिविधियां तेजी से बढ़ गई हैं। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में लगभग आधा सैकड़ा निगम मंडलों से राजनीतिक नियुक्तियां समाप्त कर दी थीं और अधिकारियों को वहां की जिम्मेदारी सौंप दी थी। अब बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच सरकार नियुक्तियों की प्रक्रिया में तेजी लाने का मन बना रही है।
मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले महीने निगम मंडलों की जिम्मेदारी विभागीय मंत्रियों को सौंपी थी, ताकि किसी भी तरह की राजनीतिक विवाद से बचा जा सके। लेकिन, संघ और संगठन के दबाव के चलते सरकार अब राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली से भी इस दिशा में हरी झंडी मिल गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार अधिक समय तक इस मुद्दे को टालने की स्थिति में नहीं है।
प्रमुख निगम मंडल और दावेदार
1. मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम
पूर्व अध्यक्ष विनोद गोटिया और सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल इस निगम के लिए प्रमुख दावेदार हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के. पी. यादव या किसी पूर्व विधायक को इस महत्वपूर्ण निगम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
2. मप्र. गृहनिर्माण एवं अधोसंरचना निर्माण मंडल
इस मंडल पर पूर्व अध्यक्ष आशुतोष तिवारी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा, मौजूदा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व सांसद के. पी. यादव और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना भी इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
3. महिला वित्त एवं विकास निगम
इस निगम में पूर्व अध्यक्ष अमिता चपरा एक बार फिर से दावेदारी जता रही हैं। इसके साथ ही, सिंधिया समर्थक इमरती देवी और पूर्व मंत्री रंजना बघेल का नाम भी इस सूची में शामिल है।
4. मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम
राजस्व के मामले में महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस निगम के लिए पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल, उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र सिंह मोकलपुर और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना की दावेदारी सुनने को मिल रही है।
5. मप्र राज्य वन विकास निगम
इस निगम के अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार हैं, जिनमें पूर्व उपाध्यक्ष सत्येन्द्र भूषण सिंह, पूर्व विधायक राहुल लोधी, पूर्व मंत्री गिर्राज दण्डोतिया और प्रद्युम्न सिंह लोधी का नाम शामिल है।
अन्य दावेदारों की सूची
इसके अतिरिक्त, कई अन्य नेता भी निगम मंडलों की दावेदारी कर रहे हैं, जैसे: पूर्व विधायक रघुराज कंसाना, रणवीर जाटव, कृष्णा घाडगे, सुनील पाण्डेय, युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष निशांत खरे इन सभी नेताओं की सक्रियता इस बात का संकेत है कि निगम मंडलों में नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। हालांकि, निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी ने दावेदारों के बीच होड़ पैदा कर दी है। सरकार के सामने चुनौती यह है कि वह किस दावेदार को मौका देती है, जो न केवल संगठन के लिए बल्कि प्रदेश के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।