भोपाल। 2028 में होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए उज्जैन में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से कई निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल समिति की पहली बैठक में घाट निर्माण सहित 19 प्रमुख परियोजनाओं के लिए 5,882 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
इस राशि से जल संसाधन, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्य किए जाएंगे। सिंहस्थ में इस बार लगभग 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, जिसके मद्देनजर तैयारियां अभी से शुरू हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और शुद्ध जल का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाए। इसके अलावा, उज्जैन में यातायात व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी। इस उद्देश्य से 19 करोड़ रुपये की लागत से शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा मार्ग, 18 करोड़ रुपये से खाक चौक, वीर सावरकर चौराहा, भर्तहरी गुफा मार्ग, और क्षिप्रा नदी पर पुल सहित अन्य मार्गों का निर्माण किया जाएगा। सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इंदौर-उज्जैन मार्ग को सिक्स लेन बनाने के लिए 1,692 करोड़ रुपये और इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड चार लेन के लिए 950 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महाकाल लोक कारिडोर में पाषाण प्रतिमाओं का निर्माण और कुंभ संग्रहालय के विकास के लिए 75 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
778 करोड़ रुपये की लागत से 29.21 किलोमीटर लंबे घाट का निर्माण, 1,024 करोड़ रुपये से कान्ह नदी के डायवर्जन का काम, और 614 करोड़ रुपये से क्षिप्रा नदी में जल प्रवाह योजना के तहत कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, 43 करोड़ रुपये की लागत से कान्ह नदी पर 11 बैराजों का निर्माण होगा।
नगरीय विकास विभाग के अनुसार, इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो लाइन बिछाने का सर्वे दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सौंपा गया है।