भोपाल। प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते को लेकर मोहन सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पिछले आठ महीनों से महंगाई भत्ते पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 50 प्रतिशत और राज्य के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है।
प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से महंगाई भत्ता देने की मांग की है। संघ का कहना है कि सभी वर्गों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी की जा रही है, जैसे कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को हर महीने 1250 रुपये के अतिरिक्त 250 रुपये रक्षाबंधन का उपहार दिया गया है। नगर निगम और नगर पालिका में जन प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की जा रही है। हालांकि, खाद्य पदार्थों, सब्जियों, और तेलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि सरकार चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करती है, जैसे कि प्रदेश में राम राज लाने का दावा करती है। लेकिन चुनाव के बाद कर्मचारियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं होता। कर्मचारियों के विरोध को दबाने के लिए सरकार नौकरी से निकालने का दबाव बनाती है। कर्मचारी संगठनों ने यह भी कहा कि आईएएस रैंक के अधिकारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की मांग अनसुनी की जा रही है।
हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कर्मचारियों का कहना है कि लगातार सूचित करने के बावजूद सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। इस स्थिति में शासकीय कर्मचारियों का विरोध बढ़ता जा रहा है और वे मोहन सरकार पर दबाव बनाने के लिए लामबंद हो रहे हैं।