Gwalior Court : ग्वालियर नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में हाई कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए गए हैं। सीएसपी रामनरेश पचौरी खुद जयारोग्य अस्पताल के वन स्टाप सेंटर में नाबालिग को लेने आए थे और मेडिकल कराने की बात कही थी। तीन चार घंटे तक जब सेंटर में बच्ची को नहीं लाया गया तो प्रबंधन की ओर से सीएसपी को फोन किए गए। कभी डाक्टर नहीं तो कभी दूसरे बहाने बताए गए और आखिकार 10 से 12 घंटे बाद नाबालिग को सीएसपी लौटाकर लाए। इस दौरान उन्होंने बयान बदलने के लिए नाबालिग पर दबाव बनाया था। प्रबंधन की ओर से नाराजगी जाहिर की गई और अगले दिन जब दोबारा नाबालिग को ले जाने की जरूरत पड़ी तो पुलिस के साथ वन स्टाप सेंटर का प्रतिनिधि भी भेजा गया। वन स्टाप सेंटर में पुलिस अफसरों की आमद भी दर्ज है।
ज्ञात रहे कि बिल्डर गंगा सिंह भदौरिया के नाती आदित्य सिंह भदौरिया व उसके दोस्त पर दुष्कर्म की एफआइआर मुरार थाने में दर्ज कराई गई थी। पीड़िता बिल्डर के यहां झाडू-पोंछा का काम करती थी और भू-तल पर ही सीपी कालोनी स्थित निवास में रहती थी। आरोपित पक्ष ने इसे साजिश भी बताया था। 31 जनवरी 2021 की यह घटना रिपोर्ट में लिखवाई गई।
हाई कोर्ट के आदेश में पीड़िता के साथ हुए घटनाक्रम का भी स्पष्ट उल्लेख है। इसमें पीड़िता ने बताया है कि घटना के बाद डायल 100 को काल किया था और वह उसे थाने लेकर गई। काफी देर तक थाने में बैठाए रखा और रात 11:50 बजे एफआइआर दर्ज की गई। यहां से मेडिकल के लिए ले गए, लेकिन माता-पिता की उपस्थिति न होने के कारण वापस थाने लाए। टीआइ ने आरोपित के दादा गंगा सिंह भदौरिया को बुला लिया। फिर से बयान लिए गए और मुझसे कह रहे थे कि गंगा सिंह तो बहुत सीधे आदमी हैं उनके खिलाफ रिपोर्ट क्यों कर रहे हो। फिर एक पुलिस वाली लेकर गई और मेरी पिटाई की। इसके बाद ऊपर वाले कमरे में ले गए, जहां छह से सात पुलिस वाली थीं और उन्होंने पट्टे से मारा, जिससे शरीर पर चोटें आई। इसके बाद नीचे लाए और फिर से बयान कराना शुरू किया। वे लोग बोल रहे थे कि अपने बयान में ऐसा लिखवाओ कि तुमने पैसे के लिए झूठा केस किया है। झूठे बयान की वीडियो रिकार्डिंग भी कर ली गई। उसके बाद यह लोग दोबारा ऊपर ले गए और उल्टा टांगकर मारने लगे। वहां पुरुष पुलिसवाले भी थे, जिन्होंने मारपीट की। इसके बाद टीआइ ने कहा कि कोर्ट जाकर भी यही बयान देना कि पैसों के लिए रिपोर्ट की