भोपाल। दो साल से लगातार भुगतान नहीं मिलने से अब मध्य प्रदेश के लगभग 8000 निजी वेयरहाउस आंदोलन की तैयारी में हैं। संचालकों का कहना है कि दो साल के अनाज भंडारण का कोई पैसा नहीं मिला है, इसलिए वह 23 जनवरी को प्रदेश स्तर पर आंदोलन करके हर जिले में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगे।
एसोसिएशन ऑफ़ वेयरहाउस ऑनर्स के प्रदेश अध्यक्ष नवनीत रघुवंशी ने कहा कि साल 2025 आ चुका है, लेकिन अब तक 2016 -17 के प्याज भंडारण का किराया बकाया है। फिलहाल कुल 2100 करोड़ का भुगतान होना है। बता दें, भुगतान न होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से इस व्यवसाय से जुड़े 5 लाख लोग प्रभावित होंगे और इनके रोजी रोटी पर संकट आ सकता है।
कई संचालकों का कहना है कि वेयरहाउस के भंडारण का मुद्दा जल्द नहीं सुलझा तो वेयरहाउस संचालक इस साल मार्च के महिने से समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं के भंडारण का बहिष्कार कर सकते हैं।
संचालकों ने यह भी कहा कि इस बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अलावा प्रमुख सचिव खाद्य रश्मि अरुण शमी से कई बार चर्चा हुई, लेकिन अबतक भुगतान नहीं हुआ। बीते कई महीनों से सभी सरकार से लगातार संपर्क में भी हैं, पर भुगतान कराने के लिए कोई हल नहीं निकल सका है।
प्रदेश में केंद्र की योजना के तहत बने लगभग 8000 निजी गोदाम हैं, जो वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के साथ मिलकर सरकारी खरीद में मिले गेहूं, चावल, मूंग, चना, अरहर सहित तमाम फसलों का भंडारण करते हैं। लेकिन, बीते दो सालों से अनाज भंडारण का कोई पैसा नहीं मिल सका है।
संचालकों का आरोप है कि पैसा नहीं मिलने की वजह से अनाज में दवाओं की व्यवस्था, कर्मचारियों का वेतन और किराया -बिल भुगतान आदि कर्ज लेकर करना पड़ रहा है। जिनके गोदाम किश्तों पर बने हैं, उनके डिफाल्टर होने की नौबत है।