नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग जोर-शोर से उठी। बैठक के बाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस का हर नेता और कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल पार्टी का नेतृत्व करें, लेकिन संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और अगले अध्यक्ष का फैसला इसके जरिये ही होगा। लगातार दूसरे आम चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राहुल ने 2019 में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बजट सत्र का दूसरा चरण खत्म होने के तत्काल बाद चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुझाव दिया कि इसका आयोजन उनके राज्य में किया जाए। कुछ नेताओं ने बताया कि यह चिंतन शिविर तीन-चार दिनों का होगा। पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, “सीडब्ल्यूसी का हर सदस्य चाहता है कि संगठन चुनाव होने तक सोनिया गांधी पार्टी का मार्गदर्शन करें।” साथ ही बताया कि नया कांग्रेस अध्यक्ष 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच चुन लिया जाएगा।
बैठक से पहले अशोक गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए। तीन दशक से गांधी परिवार से कोई भी प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं बना है। यह समझना अहम है कि गांधी परिवार कांग्रेस की एकता के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2017 में कांग्रेस एकजुट थी इसलिए जीती थी। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वातावरण अनुकूल था, लेकिन अंदरूनी कलह की वजह से पंजाब में पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई। गहलोत ने भाजपा पर ध्रुवीकरण करने का आरोप भी लगाया।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘जैसा मैंने पहले कहा है कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है।’ बैठक के दौरान अल्का लांबा के नेतृत्व में पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के निकट एकत्र हुए। उन्होंने राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की और उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपने की मांग की। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि गांधी परिवार वह धागा है जो न सिर्फ कांग्रेस को बल्कि देश के सभी वर्गों को बांधकर रखता है। यह किसी चुनावी जीत या हार पर निर्भर नहीं है। जी-23 में शामिल पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि देश में कांग्रेस आज भी सबसे विश्वसनीय विपक्षी दल है और इसलिए इसमें सुधार और नई जान फूंकना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने देश में विभिन्न दलों के विधायकों की संख्या वाला एक चार्ट साझा किया। इस चार्ट के मुताबिक भाजपा के 1,400 से अधिक और दूसरे नंबर पर कांग्रेस के 750 से ज्यादा विधायक हैं।