भारतीय वायुसेना में शामिल हुए राफेल (Rafael) विमान , फ्रांस से आए लड़ाकू विमान राफेल आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गए। जुलाई में फ्रांस से भारत आए पांच राफेल विमानों को आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। अंबाला एयरबेस पर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री लोरेंस पार्ली की मौजूदगी में सर्वधर्म पूजा के साथ समारोह शुरू हुआ। इसके बाद राफेल ने एयर शो में दमदार प्रदर्शन किया।
भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण – राजनाथ सिंह
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि राफेल विमानों का भारतीय वायुसेना में शामिल होना भारत और भारतीय वायुसेना के लिए ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने इस अवसर पर भारत और फ्रांस के संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से फ्रांस के साथ भारत के संबंध मजबूत हुए है। इस अवसर पर फ्रांसिसी रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में इस तरह मजबूती बनी रहेगी।
एयर शो में दमदार प्रदर्शन
इसके बाद एयर शो हुआ। सबसे पहले सुखोई लड़ाकू विमानों ने एयर शो में हिस्सा लिया। इसके बाद फ्रांसिसी लड़ाकू विमान जैगुआर और फिर राफेल ने इस शो में अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीता। इसकी गर्जना से दुश्मन देशों की चिंता बढ़ गई। लैंडिंग के बाद राफेल विमान को वाटर कैनन
सैल्युट दिया गया। भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस भी इस शो में शामिल हुआ। इसके बाद हेलीकॉप्टर्स के प्रदर्शन ने सभी को रोमांचित किया .
वायुसेना स्टेशन को सजाया गया
वायुसेना स्टेशन को दुल्हन को तरह सजाया गया है। रोड पर बैरिकेडिग की गई है और आर्मी एक्शन ग्रुप की टीमें गश्त कर रही हैं। सुरक्षा कारणों से मोबाइल फोन भीतर ले जाने की इजाजत नहीं रहेगी। एयर शो में राफेल के साथ दूसरे लड़ाकू विमान भी भाग लेंगे। वायुसेना स्टेशन में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
फ्रांस ने भारत को बताया सबसे अहम एशियाई सामरिक साझ़ीदार
समारोह में शामिल होने पहुंच रहीं फ्रांसिसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पाली भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत करेंगी। फ्रांसिसी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत उसका सबसे अहम एशियाई सामरिक साझीदार है। रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की भारत यात्रा का मकसद रक्षा संबंधों को और मजबूती प्रदान करना है। इस वार्ता का फोकस हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा संबंध, आतंकवाद के अमूल 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगाखिलाफ सहयोग और समग्र द्विपक्षीय मजबूत करने पर होगा। 2017 से पार्ली की यह तीसरी और कोरोना महामारी के बाद रक्षा साझेदारी पहली भारत यात्रा होगी।