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Saturday, November 16, 2024

MP में बारिश का सिलसला शुरू, बिजली गिरने से तीन की माैत

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भोपाल। शनिवार को मालवा-निमाड़ के अधिकांश क्षेत्रों में प्री मानसून की बारिश हुई। खंडवा, खरगोन, धार, मंदसौर सहित इंदौर में अच्छी बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं खंडवा में बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे तीन लोगों की मौत हो गई। इंदौर में रात 8 बजे बाद गरज-चमक के साथ शुरू हुई झमाझम बारिश ने शहर की सड़कों को लबालब कर दिया। इससे लोगों को उमस से भी निजात मिली। इंदौर में प्री मानसून की पहली ही बारिश में कई क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। वहीं खंडवा में आकाशीय बिजली गिरने से तीन की माैत हाे गई

 

बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने का सिलसिला जारी है। उधर मध्य प्रदेश में भी मानसून पूर्व की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। जिसके चलते गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने लगी हैं। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक नर्मदापुरम में छह, रायसेन में दो, खरगोन में एक, भोपाल में 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई। सागर में बूंदाबांदी हुई। सबसे अधिक 45 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर, सीधी एवं राजगढ़ में रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को भी भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में बारिश होने की संभावना है। मध्य प्रदेश में एक सप्ताह में मानसून दस्तक दे सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि हवाओं में नमी बढ़ने से बादल छाने लगे हैं। इससे तापमान में कुछ गिरावट होने लगी है। शनिवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर में अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई, जबकि ग्वालियर में दिन का तापमान बढ़ा। भोपाल में दोपहर के बाद बादल छाने लगे थे। दोपहर करीब तीन बजे 44 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलीं। इस दौरान बैरागढ़ क्षेत्र में बौछारें भी पड़ीं। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि तीन-चार दिन में महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में मानसून प्रवेश कर सकता है। एक सप्ताह में मानसून के पश्चिमी मध्य प्रदेश में दस्तक देने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर में बना ऊपरी हवा का चक्रवात वर्तमान में गुजरात से लेकर कर्नाटक तक अपतटीय ट्रफ के रूप में बदल गया है। उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर असम तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ अभी भी उत्तर भारत में मौजूद है। एक अन्य कमजोर पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास बना हुआ है। नम हवाओं के कारण मप्र में रविवार से मानसून पूर्व की गतिविधियों में और तेजी आ सकती है।

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