Rajyasabha : गृह राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार सुबह ही इस बात की सूचना दे दी थी कि सरकार ने कोरोना महामारी के कारण निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का फ़ैसला लिया है.
इसके साथ ही आज संसद का मॉनसून सत्र समाप्त हो जाएगा।
लेकिन बुधवार को स्थगन से पहले भी विपक्षी दल के सांसदों की ग़ैर-मौजूदगी में राज्यसभा में श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयक ध्वनिमत से पास कर दिए गए
दस दिनों तक चले इस सत्र में राज्यसभा में 25 विधेयक पारित किए गए. सभापति वेंकैया नायडू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “सदन के लिए 18 बैठकें निर्धारित की गई थीं लेकिन 10 ही हो सकी और इस दौरान 25 विधेयक पारित किए गए.
श्रमिकों और मज़दूरों से जुड़े विधेयक को सदन के पटल पर रखते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “जब देश के 50 करोड़ मज़दूरों के हित के लिए विधेयक लाया जा रहा है तब विपक्ष सदन से अनुपस्थित है क्योंकि वे जनता से दूर हैं. आज़ादी के 73 सालों बाद श्रमिकों को अधिकार मिल रहा है जिसके लिए वे लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे. इन विधेयकों में उनकी तनख्वाह, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा निहित है.”
जावड़ेकर ने बिल के समर्थन में कहा, “मज़दूर जिस न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे वो अब मिल रहा है. वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा तीनों की गारंटी देने वाला ये बिल है: उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020.”
प्रवासी मज़ूदरों के बारे में जावड़ेकर ने कहा, “प्रवासी मज़दूर को साल में एक बार घर जाने के लिए प्रवास भत्ता मिलेगा. प्रवासी मज़दूरों को मालिकों द्वारा दिया जाएगा।
इस बीच विपक्षी दल के सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बुधवार को भी उन्होंने सदर की कार्यवाही का बायकॉट किया और संसद परिसर में गांधी मूर्ति से लेकर आंबेडकर मूर्ति तक मार्च किया. उनके हाथों में किसान बचाओ के प्लेकार्ड भी थे।