मुरैना। भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नेता रामप्रकाश राजौरिया (Ramprakash Rajoriya) बीजेपी का साथ छोड़ बसपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को बसपा की सदस्यता ग्रहण की। उप चुनाव में संभवत वे बसपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। राजौरिया के पार्टी बदलने पर भाजपा को नुकसान होगा।
आप छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल।
लोकसभा चुनाव के वक़्त राजौरिया आम आदमी पार्टी (AAP) को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। 2013 में उन्होंने बसपा से मुरैना विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ा था और मात्र 1700 वोटों से हार गए थे।
बसपा से आप, आप से बीजेपी, बीजेपी से बसपा
बसपा ने 2018 विस में ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया गया। जिसके बाद वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। 2018 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ा पर हार गए। लोकसभा चुनाव में उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने भाजपा की सदस्यता ली थी, लेकिन अब जब उप चुनाव आ रहे हैं, तो वे फिर से बसपा में लौट गए हैं।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पकड़
रामप्रकाश राजौरिया का ग्रामीण क्षेत्र में प्रभाव होने के साथ-साथ शहर में प्रभाव है। यहीं कारण है कि 2013 के चुनाव में उन्होंने पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह को टक्कर दी। ऐसे में राजौरिया के फिर बसपा से उप चुनाव लड़ने पर भाजपा को शहर में नुकसान हो सकता है।
राजौरिया को बसपा में शामिल करने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम, अतर सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल व विद्याराम कौशल सहित कई बड़े नेता मुरैना पहुँचे थे।