नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक खत्म हो गई है और आज 10 बजे आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास नई मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करेंगे। वैश्विक परिस्थितियों के चलते महंगाई दर को काबू में करने और अंतर्राष्ट्रीय सेंट्रल बैंकों के रुझान को देखते हुए यह माना जा रहा है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट 0.35 फीसदी से 0.50 फीसदी के बीच बढ़ सकता है। रेपो रेट बढ़ने से सभी बैंकों के लोन महंगे हो जाएंगे
आर्थिक फर्म बार्कलेज के मुताबिक जुलाई में खुदरा महंगाई 6.6 फीसदी रह सकती है, जो RBI के तय दायरे 2 से 6 फीसदी की तुलना में आंशिक रूप से ज्यादा हो सकती है। आज यदि आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो यह तीसरी बार होगा जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। आपको बता दें कि दर बढ़ाने के मामले में भारत फिलहाल दुनिया में 8वें नंबर पर है।
आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाने का सबसे बड़ा खामियाजा कई सेक्टर्स जैसे ऑटो-हाउसिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को उठाना पड़ सकता है। ऐसे में जून माह के लिए खुदरा महंगाई दर के जो आंकड़े आए हैं उसमें महंगाई दर 7.01 फीसदी रहा है। महंगाई दर बीते 3 महीनों ने 7 फीसदी से ऊपर बना हुआ है। इसलिए पूरा संभावना है कि महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक को रेपो रेट बढ़ा सकता है।