भोपाल। मध्यप्रदेश में 30 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों के लिए यह अच्छी खबर है कि खाली पड़े स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 की प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो रही है। यह भर्ती पिछले साल कोरोना काल में रोक दी गई थी। जल्दी ज्वाइनिंग के लिए 30 हजार से अधिक चयनित शिक्षक आंदोलन कर रहे थे। इधर विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ भी दिया जाएगा।
दस्तावेजों के वेरीफिकेशन के लिए भी तारीखों का ऐलान हो गया है। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चयनित शिक्षकों की जो प्रक्रिया रुक गई थी उसे दोबारा शुरू किया जा रहा है। एक अप्रैल से दस्तावेज का सत्यापन किया जाएगा। वहीं इस भर्ती में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का भी लाभ दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां भी भर्ती करने का प्रयास किया जाएगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया की ओर से ध्यानाकर्षण के दौरान प्रश्न पूछा गया था, जिसमें शिक्षकों की कमी के बारे में पूछा गया था। इस प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के धार में 208, झाबुआ 208, बड़वानी 428, अलीराजपुर 256, सीधी 22, सिंगरौली 28, सीधी 22 और मंडला में 237 स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इन्हें मिलाकर कुल 587 स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कमलनाथ सरकार की स्थानांतरण नीति के कारण कई स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं।