ग्वालियर। शहर में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमिडिसिवर इंजेक्शन के नाम पर परेशान करने वाले 4 हॉस्पिटलों पर कार्यवाही की गई है एवं दो अस्पतालों के विरुद्ध इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी की जांच शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 3 अस्पतालों के लाइसेंस रद्द रद्द किए हैं तो वही एक अस्पताल पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में तीनों हॉस्पिटलों के लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में वहां एडमिट मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से की गई इस कार्यवाही से शहर के अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कई दिनों से शहर के कई अस्पतालों की शिकायतें मिल रही थी कि कोरोना की आड़ में मरीजों के लिए जरूरी ऑक्सीजन और रेमडेशिविर इंजेक्शन को कमाई का जरिया बनाया जा रहा है। और मेडिकल नियमों के अनुसार मरीजों को अस्पताल में ठीक तरह से उपचार नहीं मिल पा रहा है लगातार आ रही इन्हीं शिकायतों के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है जिसके बाद सीएमएचओ के निर्देशन में झांसी रोड स्थित मैक्स केयर, मुरार स्थित श्रद्धा नर्सिंग होम और हॉस्पिटल रोड पर स्थित लोटस अस्पताल पर बड़ी कार्रवाई की गई है स्वास्थ्य महकमे ने इन अस्पतालों के पंजीयन लाइसेंस निरस्त कर इनका संचालन बंद करवा दिया है।
और इन तीनों अस्पतालों के मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है। तो वही आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के द्वारा कलेक्टर को की गई शिकायत पर की गई जांच के बाद शीतला अस्पताल में अनाधिकृत दंत चिकित्सक द्वारा मरीज को रेमेडी शिविर इंजेक्शन लिखने पर महिला डॉक्टर के विरुद्ध एफआइआर के आदेश भी जारी किए गए है।स्वास्थ्य विभाग में इसके अलावा सिम्स और बिरला हॉस्पिटल पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखोरी व कालाबाजारी के आरोपों के बाद दोनों अस्पतालों के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है।