हैल्थ। होटलों एवं फुटपाथ पर लगने वाले ठेलों में एक ही तेल को बार-बार उबालकर उसका उपयोग कचोरी, समोसे, पकोड़े, सेंव एवं पानीपुरी आदि बनाने में किया जाता है। थोड़े से फायदे के लिए दुकानदार जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कई दुकानों पर एक ही तेल को पूरा खत्म होने तक कई बार गर्म करके खाद्य सामग्रियां बनाई जाती हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। उच्च तापमान पर गर्म तेल से विषैला धुआं निकलता है।
उच्च तापमान पर तेल में मौजूद कुछ फैट्स ट्रांस फैट में बदल जाते हैं, ट्रांस फैट्स नुकसानदेह है। ये शरीर में कोलेस्ट्राल और हृदयरोग का खतरा बढ़ाते हैं। जब तेल को दोबारा इस्तेमाल किया जाता है तो ट्रांस फैट्स की मात्रा और ज्यादा हो जाती है। फूड्स में नमी, वायुमंडलीय आक्सीजन और उच्च तापमान के संयोग से इड्रोलिसिस, आक्सीकरण और बहुलीकरण जैसी प्रतिक्रियाएं निर्मित होती हैं।
मध्य प्रदेश के मेघनगर शासकीय अस्पताल के ब्लाक मेडिकल आफिसर डा़ विनोद नायक ने बताया रिहीटिंग आयल से बनी वस्तुएं नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इनमें कुछ ऐसे केमिकल आ जाते हैं। इस वजह से हार्ट स्ट्रोक, लिवर फेलियर, कैंसर हो सकता है। इससे बाडी का कोलेस्ट्राल लेवल बढ़ता है। तेल को तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल न करें। घर पर भी एक ही तेल का बार बार इस्तेमाल न करें, क्योंकि कड़ाही में बचा हुआ तेल का दोबारा इस्तेमाल करने से टाक्सिन पदार्थ निकलते हैं, जो बाडी में फ्री रेडिकल्स बढ़ाते हैं। इन फ्री रेडिकल्स बढ़ने की वजह से बाडी में सूजन और कई तरह के क्रोनिक डिजीज होते हैं।