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Thursday, November 14, 2024

रिटायर्ड अकाउंटेंट को आया दिल का दौरा, तो महिला सूबेदार ने ऐसे बचाई जान

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ग्वालियर। सड़क पर पैदल जा रहे 62 वर्षीय रिटायर्ड अकाउंटेंट को अचानक दिल का दौरा पड़ा और वह चक्कर खाकर सड़क पर गिर पड़े। पास में ही ड्यूटी कर रही महिला सूबेदार सोनम पाराशर को जब इस बारे में पता लगा तो वह तत्काल दौड़कर पहुंची और बिना देर किए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर बुजुर्ग की जान बचा ली। उन्हें पुलिस की गाड़ी से ही अस्पताल भिजवाया गया, अब बुजुर्ग खतरे से बाहर हैं।

सूबेदार सोनम पाराशर को सीपीआर की ट्रेनिंग मिली थी। महिला सूबेदार का यह सराहनीय कार्य इंटरनेट मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है, इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित होता रहा। यह पूरा घटनाक्रम सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे गोला का मंदिर चौराहे का है। अगर कुछ देर और इन्हें अस्पताल ले जाने में या सीपीआर देने में हो जाती तो शायद कोई अनहोनि हो जाती। एसएसपी अमित सांघी ने महिला सूबेदार के कार्य को सराहनीय बताते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की है। बुजुर्ग का बेटा मेदांता हास्पिटल में डाक्टर है।

मैं गोला का मंदिर इलाके में होटल नारायणम के पास रहता हूं। 62 वर्ष मेरी उम्र है, मुझे शरीर में दर्द रहता है इसके चलते मैं रोज फिजियोथैरेपी के लिए अपोलो हास्पिटल जाता हूं। मैं बिजली कंपनी में अकाउंटेंट था। रोज की तरह सुबह फिजियोथैरेपी के लिए गया था। आटो से लौटकर आया, आटो चालक ने मुझे चौराहे के पास ही उतार दिया। यहां से मैं पैदल-पैदल जा रहा था। अचानक मेरे सीने में तेज दर्द उठा और मुझे चक्कर आए। इसके बाद मैं गिर पड़ा। मुझे सिर्फ इतना याद है, मुझे दो युवक बार-बार जगाने की कोशिश कर रहे थे, फिर पुलिस वाले आ गए। दर्द इतना तेज था, आंख नहीं खोल पा रहा था। सोनम ने काफी प्रयास किया, तब जाकर मुझे होश आया, पुलिस ने मुझे दूसरा जीवन दिया है। अस्पताल में इलाज मिला, इसके बाद शाम को मुझे डिस्चार्ज कर दिया गया। अगर कुछ देर और हो जाती तो शायद मैं अपनों के बीच नहीं होता। आज से मैं भी इसी तरह लोगों की मदद करूंगा, मेरी अपील है इस तरह किसी को भी मुसीबत देखें तो मदद जरूर करें।

मैं गोला का मंदिर चौराहे पर ड्यूटी कर रही थी। दो युवक मेरे पास भागकर आए कि कोई अंकल सड़क पर अचेत पड़े हैं। मैं और मेरा स्टाफ तुरंत यहां भागकर पहुंचे। मुझे सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई थी। इसके चलते मैंने सीपीआर दिया। जब वह थोड़ा होश में आने लगे तो उन्हें एफआरवी से ही अपोलो अस्पताल भिजवाया। शाम को उनके घर पहुंचकर उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। मेरी अपील है हर किसी को मदद के लिए आगे आना चाहिए। जिससे हम सड़क हादसे और इस तरह की स्थिति में लोगों की जान बचा सकें।

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