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Saturday, November 16, 2024

रिटायर्ड फौजी ने अपनी बंदूक से की आत्महत्या

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ग्वालियर। ग्वालियर में एक रिटायर्ड फौजी ने लाइसेंसी पिस्टल कनपटी पर रखकर ट्रिगर दबा दिया। गोली सिर के आरपार हो गई और फौजी की मौके पर ही मौत हो गई। गोली की आवाज सुनकर पत्नी और बेटे फौजी के कमरे में पहुंचे और तत्काल पड़ोसियों की मदद से अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना तड़के 4 बजे तिकोनिया गली नंबर पांच मुरार की है। रिटायर्ड फौजी ने यह कदम क्यों उठाया जब पड़ताल की तो पता लगा कि मृतक का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। बीते सात दिन से वह सोया तक नहीं था। जिस कारण वह तनाव में था। इसी तनाव के चलते उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर घटना स्थल की जांच कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।

 

 

 

उपनगर मुरार के तिकोनिया निवासी 38 वर्षीय अनिल सिंह यादव सेना से रिटायर्ड हवलदार थे। दो साल पहले उन्होंने बीआरएस लिया था। घर पर में उनकी पत्नी आशा सिंह (35), बेटे आर्यन (17) और गुन्नू (12) हैं। अनिल के पिता रमेश सिंह यादव भी सेना से रिटायर्ड थे। दो साल पहले उनकी भी मौत हुई है। पिता की मौत के बाद से अनिल काफी अवसाद में थे। वह सोचते ज्यादा थे इस कारण उनको नींद नहीं आती थी। लगातार नींद पूरी नहीं होने पर धीरे-धीरे वह तनाव का शिकार होते चले गए। वह चिड़चिड़ाने लगे थे। जिस कारण उनका मनोचिकित्सक पर इलाज भी चल रहा था।परिवार के सदस्य उन पर लगातार नजर रखते थे। शुक्रवार रात वह अपने तीन मंजिल मकान की पहली मंजिल पर अलग रूम में सो रहे थे। उनके बेटे व पत्नी अलग रूम में थे। तड़के 3 से 4 बजे के बीच अचानक गोली चलने की आवाज आई।

 

 

पत्नी और बच्चे अनिल के कमरे में पहुंचे तो देखा कि उन्होंने सिर पर पिस्टल अड़ाकर फायर किया था। वह खून से लथपथ थे और पूरे कमरे में ब्लड पड़ा था। परिजन ने कुछ पड़ोसियों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। घटना की सूचना मिलते ही सीएसपी रिषीकेश मीणा, टीआई मुरार शैलेन्द्र भार्गव मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना स्थल से पिस्टल व राउंड जब्त कर लिया है। साथ ही शव को निगरानी में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक पड़ताल में मामला खुदकुशी का प्रतीत हो रहा है। छुपाकर रखते थे गन, पता नहीं कहा से मिल गई अनिल लगाता तनाव की वजह से चिड़चिड़े हो गए थे। इसलिए परिवार के सदस्य घर के हथियार उनसे छुपाकर अलमारी में रखते थे। अनिल के नाम पर लाइसेंसी पिस्टल थी और उनके पिता के नाम पर बारह बोर बंदूक है। कभी-कभी वह सफाई के लिए भी पिस्टल निकालने के लिए कहते थे तो परिजन नहीं देते थे। पर पता नहीं शुक्रवार रात कहां से उन्होंने चाबी लेकर अलमारी खोल ली और पिस्टल निकालकर यह आत्मघाती कदम उठा लिया। इस मामले में सीएसपी मुरार रिषीकेश मीणा का कहना है कि एक रिटायर्ड फौजी ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। काफी समय से वह तनावग्रस्त थे और घर से उनके इलाज चलने के दस्तावेज भी मिले हैं। घटना स्थल की जांच की जा रही है।

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