ग्वालियर। बागी पान सिंह तोमर की कहानी लोगों के जेहन में आज भी ताज़ा है, फौजी पानसिंह तोमर ने जमीन पर अपनों के कब्जे फिर पुलिस से मदद न मिलने के चलते बीहड़ में कूद गए थे। उनकी तरह ग्वालियर में अपने प्लॉट पर भूमाफिया के कब्जे से दुखी एक रिटायर्ड फौजी ने कलेक्टर से कहा कि साहब देश सेवा के बाद अब चेन से जीना चाहता हूं, लेकिन माफिया और पुलिस वाले मुझे पान सिंह तोमर बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, क्या में अपने हक की लड़ाई के लिए” बंदूक उठाकर पान सिंह तोमर की तरह बागी बन जाऊं”.? रिटायर्ड फौजी की बात सुन कलेक्टर भी सकते में आ गए। कलेक्टर ने एसडीएम को 2 दिन में फौजी को प्लॉट पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया।
फौजी सेना में इधर प्लॉट पर भूमाफिया ने कर लिया कब्जा
ग्वालियर के लाल टिपारा इलाके में रहने वाले रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर अपनी पत्नी के साथ कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंचे थे, रघुनाथ ने बताया कि जब वो फ़ौज में तैनात थे तब परिवार के लिए मकान बनाने लिए साल 2011 में प्लॉट लिया। ग्वालियर के साईं नगर में एक प्लॉट अरविंद गुर्जर से करीब साढ़े तीन लाख रुपए में प्लॉट खरीदा था। पिछले साल फौज से रिटायर होने के बाद रघुनाथ अपने प्लॉट पर मकान बनाने की तैयार की, लेकिन उनके प्लॉट पर दबंगों ने कब्जा कर लिया। रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर ने बताया कि उसके प्लॉट को माफिया ने कई बार रीसेल बेच दिया। जब अपने प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए पहुंचा तो वह उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है कब्जाधारी माफिया मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
पुलिस प्रशासन के चक्कर लगाकर हुआ परेशान
रघुनाथ का कहना है कि उसने थाने से लेकर प्रशासन को शिकायती आवेदन दिया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में क्या उनको पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर किया जा रहा है, यदि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती है तो वह बंदूक उठाने को मजबूर हो जाएंगे। तोमर का यह भी कहना है कि उन्होंने सोचा था कि वह जब रिटायर होंगे तो अपने परिवार को समय देंगे और अपने आशियाने में रहकर सुकून की जिंदगी जिएंगे लेकिन भू माफियाओं के बढ़ते हौसले के चलते अब उनकी उम्मीदें टूटी जा रही है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने SDM को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।