ग्वालियर। शहर में गणेश उत्सव में स्थापित की गई गणेश जी की प्रतिमा को RSS की गणवेश पहनाए जाने और उन्हें स्वयंसेवक के रूप में प्रस्तुत किए जाने पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। इस मामले में बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ कर रही है, वह कह रही है ,कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की लोकप्रियता बढ़ रही है, इसलिए लोगों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए इस तरह की मूर्ति स्थापित की है।
ग्वालियर शहर के आपा गंज क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवकों ने गणेश जी की झांकी लगाई है। लेकिन उन्होंने भगवान गणपति को संघ के स्वयंसेवक के रूप में प्रस्तुत किया है यहां भगवान गणेश संघ की गणवेश धारण किए हुए हैं। उनकी मुद्रा संघ की प्रार्थना गाते हुए और ध्वज प्रणाम करते हुए दिखाई दे रही है। उनके साथ उनकी सवारी मूषक भी स्वयंसेवक बने हुए हैं और ध्वज प्रणाम कर रहे हैं। गणपति भगवान ने हाथ में संघ का ध्वज भी पकड़ा हुआ है। स्वयंसेवकों का कहना है, कि उन्होंने इस बार गणपति भगवान को स्वयंसेवक के रूप में स्थापित किया है।
लेकिन कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने हिंदू धर्म के देवी देवताओं का अनादर बताया है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। बीजेपी इस विषय पर बचाव की मुद्रा में है। बीजेपी का कहना है ,कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। अगर गणेश जी संघ की प्रार्थना किए जाने की मुद्रा में है ,तो वह भी भगवान की आराधना है। बीजेपी ने कांग्रेस की मानसिकता पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।
कुल मिलाकर गणेश प्रतिमा की वेशभूषा और उनकी मुद्रा को लेकर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस इसे लेकर संघ और बीजेपी दोनों के खिलाफ मुखर हो गई है। फिलहाल इसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है।