इंदौर। एमपी की सियासत में ज़बरदस्त उलट फेर करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में उन्हीं के एक पुराने साथी रहे नेता ने भविष्यवाणी कर दी है। नेताजी का दावा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे। उन्होंने इसके पीछे बीजेपी के इतिहास का हवाला दिया और कहा पार्टी ओबीसी या आदिवासी नेता को ही मौका देगी।
2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के दल बदलने के बाद एमपी में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी। चुनाव हारकर भी बीजेपी को फिर से सत्ता मिल गयी थी। शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को बराबर महत्व दिया गया। सिंधिया भी केंद्र में दो महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री हैं। अब बारी एमपी की है। अगले साल विधान सभा चुनाव से पहले और चुनाव के बाद अगर बीजेपी फिर सत्ता में आती है तो सिंधिया की क्या भूमिका होगी, ये मुद्दा लगातार चर्चा में है। इस बीच कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने दावा कर दिया कि सिंधिया एमपी में कभी सीएम नहीं बन पाएंगे। इंदौर दौरे पर आए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा मैं जितना बीजेपी के निर्णयों को जानता हूं वो आरएसएस के दबाव में फैसले लेती है। सिंधिया जैसे लोगों को पचा पाना बीजेपी के लिए शायद बड़ा मुश्किल है। इसलिए वो ओबीसी या आदिवासी नेता को ही सीएम बनाएगी।
सज्जन सिंह वर्मा ने कैलाश विजयवर्गीय से सिंधिया और फिर वीडी शर्मा की मुलाकात पर तंज कसा। उन्होंने कहा विजयवर्गीय से बीजेपी ने सारे चार्ज वापिस ले लिए हैं। इसलिए सारे नेता अब बारी बारी उन्हें सांत्वना देने आ रहे हैं. बीजेपी को डर है कि कि कैलाश विजयवर्गीय कहीं कांग्रेस में न चले जाएं। इसलिए मान मनौव्वल के लिए वे पहुंच रहे हैं लेकिन ये स्पष्ट है कि भ्रष्टाचारियों के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं है, हां अच्छे मन के लोगों का पार्टी जरूर स्वागत करेगी।
मध्यप्रदेश की सियासत में अपना अलग मुकाम रखने वाले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुलाकातें इन दिनों खासी चर्चा में हैं। पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनसे मिलने इंदौर में उनके घर पहुंचे थे। उसके बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वी़डी शर्मा ने इंदौर पहुंचकर विजयवर्गीय से मुलाकात की। यहीं से सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस नेता भी चटखारे ले रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर जारी दुविधा पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा एआईसीसी अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत और कमलनाथ के नाम चल रहे हैं। दोनों काबिल नेता हैं। लेकिन कांग्रेस के आमजन की भावना नेहरू गांधी परिवार से जुड़ी हुई हैं। इसलिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि प्रियंका या राहुल गांधी ही कांग्रेस की कमान संभालें।