मुरैना। मुरैना जिले में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिन्दू धर्म से प्रभावित होकर हिन्दू धर्म स्वीकार किया और सलीम से बाबा सुखराम दास बन गया। बताया जा रहा है कि सलीम हनुमान जी से प्रभावित होकर कई महीनों पहले वह अपना घर छोड़कर एक हनुमान मंदिर पर रहकर पूजा अर्चना करने लगा और बाद में उसने हिन्दू धर्म की दीक्षा लेकर साधु बनने की रस्म भी पूरी कर ली। सलीम का कहना है कि उन्होंने अंतर आत्मा की आवाज पर इस्लाम को त्यागकर हिन्दू धर्म अपना है। सात माह पूर्व दिल-दिमाग से इस्लाम को छोड़कर सनातनी बनने के लिए गुरू महूरी देवस्थान महंत श्रीश्री 1108 राम खिलावन दास महाराज से विधिवत आज्ञा ली। बीते सात माह से मंदिर में रहकर भजन, कीर्तन और पूजा पाठ में ध्यान लगाया और आखिरकार गुरू ने उन्हें साधु दीक्षा देने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि सावन माह में अचानक उन्हें लगा कि उन्हें सनातन धर्म की तरफ जाना चाहिए और वे अपना गांव और घर छोड़कर खड़ियाहार इलाके में स्थित प्रसिद्ध कोण्डर वाले हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां गुरू महाराज को बताया कि वे मुसलमान हैं और उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज बताई और उनकी इजाजत के बाद यही मंदिर पर रहकर भगवत भजन करने लगा। भगवान और गुरू महाराज की कृपा होने पर उन्होंने विधिवत मेरी दीक्षा कराई और नया नाम भी दिया सुख राम दास।
हनुमान मंदिर पर यह दीक्षा समारोह सनातन पद्धित से काफी भव्य रूप में हुआ। पुजारियों द्वारा दीक्षा रस्में की गईं और फिर यहां मंदिर पर अखंड रामायण का पाठ, हवन और भंडारे का भी आयोजन किया गया। सुखराम दास का कहना है कि उन पर किसी का दबाव नहीं था। सनातनी बनने के निर्णय को बदलने के लिए भी परिवार सहित किसी ने नहीं कहा।
सलीम से सुखराम दास बाबा बने इन बुजुर्ग के परिजनों को जब पता चला तो उनकी पत्नी, बच्चे और नाती बगैरह भी उनसे मिलने हनुमान मंदिर पहुंचे। उनकी पत्नी ने कहा कि हम लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। उन्हें अच्छा लगा होगा तभी धर्म परिवर्तन किया। सुखराम दास का कहना है कि वे लोग मुस्लिम हैं। हमने अब पुराना परिवार और रिश्ते नाते त्याग दिए हैं। हम तो अपने गुरू और हनुमान जी महाराज की शरण में हैं।