छतरपुर। बागेश्वर धाम से ओरछा की नौ दिवसीय यात्रा चौथे दिन उत्तर प्रदेश की सीमा पर धसान नदी के किनारे मऊरानीपुर के देवरी बंधा पहुंची। यात्रा के दौरान महाराज लगातार पदयात्रियों का उत्साह बढ़ा रहे हैं। हजारों की संख्या में शामिल यात्रियों की आंखों में सनातन हिंदू एकता का जुनून साफ झलक रहा है।
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पदयात्रियों को प्रेरित करते हुए कहा, “हमें जात-पात के बंधन से बाहर निकलना होगा। इस यात्रा का केवल एक ही संदेश है: जात-पात को विदा करो, हम सब हिंदू भाई-भाई हैं।
सनातन धर्म की रक्षा के लिए हजारों कदम बिना रुके आगे बढ़ रहे हैं। हनुमान गढ़ी, अयोध्या के महंत राजूदास महाराज भी इस पदयात्रा में लगातार साथ चल रहे हैं। चौथे दिन की यात्रा में पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह भंवरराजा और विधायक टीकाराजा ने पदयात्रा का स्वागत किया।
कटनी के संत परशुराम महाराज और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश शुक्ला भी इस यात्रा में शामिल हुए। इसके अलावा श्रीधाम वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक पं. पुण्डरीक गोस्वामी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यात्रा के दौरान जैसे ही बागेश्वर महाराज फोरलेन पर स्थित अलीपुरा गांव पहुंचे, वहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर पं. शास्त्री ने गांववासियों से आव्हान किया कि वे अपने गांव का नाम अब से ‘हरीपुरा’ के रूप में संबोधित करें।
तीसरे दिन यात्रा का विश्राम नौगांव के शांति कॉलेज परिसर में हुआ। वहां कॉलेज के डायरेक्टर भारतेंदु मिश्रा और उनके सहयोगियों ने पदयात्रा का स्वागत किया। इस दौरान पं. शास्त्री के मार्गदर्शन में नौगांव शिष्य मंडल ने ग्राम ददरी के एक गरीब परिवार की बेटी का विवाह धूमधाम से संपन्न कराया।
हिंदुओं के एकजुट होने का आह्वान
प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज भी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल हुए। उन्होंने महाराजश्री के साथ लंबी दूरी तक पैदल यात्रा कर उनके संकल्प में भागीदारी निभाई। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश देते हुए कहा, अब समय आ गया है कि सभी हिंदू एकजुट हों। इस यात्रा में जनसमूह का उत्साह इस एकता का प्रमाण है।